मिथुन चक्रवर्ती के इस बयान के बाद ममता बनर्जी का बढ़ सकता है टेंशन, टीएमसी के इतने विधायक भाजपा के संपर्क में

मिथुन चक्रवर्ती के इस बयान के बाद ममता बनर्जी का बढ़ सकता है टेंशन, टीएमसी के इतने विधायक भाजपा के संपर्क में
मिथुन चक्रवर्ती

फ़िल्म अभिनेता और भाजपा नेता मिथुन चक्रवर्ती के एक बयान से पश्चिम बंगाल के सियासी गलियारों में चर्चा गर्म हो गई है। उन्होंने दावा किया है कि टीएमसी के 38 विधायक उनके संपर्क में हैं। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी की टीएमसी पार्टी के 38 विधायक भारतीय जनता पार्टी के संपर्क में हैं। वहीं इनमें से 21 विधायक तो ऐसे हैं जो सीधे उनके टच में हैं।

मिथुन चक्रवर्ती पिछले साल हुए बंगाल के विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा से जुड़े थे। उन्होंने पार्टी के उम्मीदवारों के लिए प्रचार भी किया था। आज प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मिथुन चक्रवर्ती ने यह बड़ा दावा किया है। साथ ही उन्होंने भाजपा का एंटी मुस्लिम होने के सवाल पर भी जवाब दिया है। मिथुन ने कहा कि हमेशा आरोप लगा है कि बीजेपी दंगा करवाती है। लेकिन मैं साफ बोलता हूं कि यह सिर्फ साजिश का हिस्सा है।

मिथुन आगे बोले कि बीजेपी को मुस्लिमों के खिलाफ बताया जाता है। लेकिन ऐसा क्यों है? वह बोले कि भारत के तीन बड़े स्टार सलमान खान, शाहरुख खान और आमिर खान मुस्लिम हैं। यह कैसे मुमकिन हुआ? मिथुन ने कहा, ‘बीजेपी की 18 राज्यों में सरकार है। अगर बीजेपी उनसे नफरत करती है और हिंदू उनको प्यार नहीं करते तो फिर इन तीनों स्टार्स की फिल्म इन राज्यों से कैसे बड़ा कलेक्शन करती हैं?’ मिथुन ने आगे कहा कि मैं जहां हूं वहां इसलिए ही पहुंच पाया क्योंकि हिंदू, मुस्लिम, सिख सब मुझे प्यार करते हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में मिथुन चक्रवर्ती ने ईडी के द्वारा पार्थ चटर्जी के गिरफ्तारी पर भी अपना रुख स्पष्ट किया है। वह बोले कि अगर कोई सबूत नहीं है तो कोई डरने की बात नहीं है। अगर किसी ने गलत किया होगा तो कोई शक्ति उसे बचा नहीं सकती है। वहीं मिथुन चक्रवर्ती ने दावा किया है कि टीचर भर्ती घोटाला 100 करोड़ नहीं बल्कि 2 हजार करोड़ का था।

बता दें, शिक्षक भर्ती घोटाले में ईडी ने पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार कर लिया है और उनसे लगातार पूछताछ कर रही है। वहीं पार्थ के करीबी अर्पिता मुखर्जी की भी गिरफ्तारी हुई है, जिसके बाद कई खुलासे सामने आ रहे हैं। अर्पिता मुखर्जी के घर से लगभग 20 करोड़ रुपए बरामद हुआ था। ईडी का कहना है कि यह पैसा शिक्षक घोटाले से जुड़ा है। घोटाला पार्थ चटर्जी के शिक्षा मंत्री रहते हुआ था।