अग्निपथ: बवाल के बीच PM मोदी बोले- देश का दुर्भाग्य, अच्छी चीजें राजनीति में फंस जाती हैं

अग्निपथ: बवाल के बीच PM मोदी बोले- देश का दुर्भाग्य, अच्छी चीजें राजनीति में फंस जाती हैं
मोदी

अग्निपथ योजना को लेकर पूरे देश में प्रदर्शन हो रहे हैं। इस बीच पीएम मोदी की भी इस प्रदर्शन को लेकर प्रतिक्रिया आई है। जिसमें उन्होंने कहा कि हमारे देश का दुर्भाग्य है कि बहुत सी अच्छी चीजें, अच्छे उद्देश्य से की गई चीजें, राजनीति के रंग में फंस जाती हैं। आइए जानते हैं पूरी खबर…

दरअसल रविवार को पीएम मोदी प्रगति मैदान एकीकृत ट्रांजिट कॉरिडोर परियोजना की मुख्य सुरंग और पांच अंडरपास के उद्घाटन के लिए दिल्ली पहुंचे थे, जिस दौरान उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष मुझे डिफेंस कॉम्प्लेक्स के लोकार्पण का भी अवसर मिला था। हमारे देश का दुर्भाग्य है कि बहुत सी अच्छी चीजें, अच्छे उद्देश्य से की गई चीजें, राजनीति के रंग में फंस जाती हैं।

साफ तौर पर अग्निपथ योजना का नाम लिए बगैर उन्होंने ये बात कही। पीएम मोदी ने ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे, दिल्ली-एनसीआर और दिल्ली-मेरठ राजमार्ग पर मेट्रो मार्गों को दोगुना से अधिक किए जाने समेत कई अन्य पहलुओं का जिक्र भी किया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने क्षेत्र की समस्याओं का हल करने के लिए कई कदम उठाए हैं। आने वाले दिनों में देश की राजधानी के बारे में बात की जाएगी और भारतीय को इसपर गर्व होगा।

जानकारी के लिए बता दें कि इस योजना के बढ़ते विरोध के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी रविवार को तीनों सेना के प्रमुख के साथ बैठक की। जिसके बाद तीनों सेना के प्रमुखों ने प्रेस कान्फ्रेंस के माध्यम से इस योजना के बारे में लोगों को विस्तृत जानकारी दी। इसमें डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स के अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने केंद्र की योजना का पूरा खाका रखने के साथ तीन बातें स्पष्ट कर दीं।

पहले नंबर पर उन्होंने ये स्पष्ट कर दिया कि ये योजना वापस नहीं की जाएगी। दूसरा ये कि अग्निपथ योजना के विरोध में हिंसा में शामिल लोगों को भर्ती में कोई जगह नहीं मिलेगी। तीसरा ये कि योजना में युवाओं की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए जो भी बदलाव किए गए हैं, वो किसी भी दबाव के तहत नहीं हैं, बल्कि ये प्रस्तावित थे।
सीधे तौर पर उन्होंने कहा कि “भारतीय सेना में 30 साल की उम्र वाले सैनिकों की बड़ी संख्या है। सेना जवानों की उम्र का पहलू चिंताजनक है। ऐसे में हम सेना में जोश और होश दोनों का कांबिनेशन चाहते हैं। सैन्य अधिकारियों ने चार साल बाद बाहर किए गए 75 फीसदी अग्निवीरों के भविष्य के सवाल पर कहा, सिर्फ इस योजना में ही एग्जिट नहीं है, सेना से हर साल 17,600 सैन्यकर्मी हर साल समय पूर्व सेवानिवृत्ति लेते हैं”।