कोरोना वैक्सीन को लेकर उड़ रहे अफवाहों के बीच केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि महिलाएं को पीरियड के दौरान टीका लगवाने में कोई दिक्कत नहीं है। सरकार ने स्पष्ट कहा है कि अभी के हालात को देखते हुए, कोरोना वैक्सीनेशन की गति को कम नहीं किया जा सकता।
नीति आयोग (स्वास्थ्य) के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने बताया कि ‘सवाल पूछे जा रहे हैं कि क्या मासिक पीरियड के दौरान महिलाएं टीका लगवा सकती हैं? तो इसका उत्तर है हां, टीका पीरियड्स के दौरान लगवाया जा सकता है। पीरियड्स टीकाकरण नहीं करवाने का कोई कारण नहीं है।’
डॉ. पॉल ने जोर देते कहा कि इस महामारी के चलते हमें वैक्सीनेशन को और तेज गति से आगे लेकर जाना होगा। हम वैक्सीनेशन की गति को किसी भी कीमत पर धीमा होने नहीं दे सकते हैं। वास्तव में, टीकाकरण को बढ़ाये जाने की जरुरत है। उन्होंने यह भी कहा कि इस हालात में कृपया अनावश्यक रूप से बाहर न जाएं और मास्क पहनें। मास्क पहनना बहुत जरूरी है। अपने घर में लोगों को आमंत्रित करने से बचें।
वहीं एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया का कहना है कि जो भी व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव आता है, उसे ये लगने लगता है कि कहीं बाद में मुझे ऑक्सीजन और अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत न पड़े, इसलिए मैं अभी ही भर्ती हो जाता हूं। इससे अस्पतालों के बाहर बहुत भीड़ हो जाती है और वास्तविक मरीजों को इलाज नहीं मिल पाता है।
इस पैनिक के कारण लोग घर पर दवाइयां स्टोर करने लगते हैं और इससे बाजार में जरूरी दवाइयों की बेवजह कमी हो रही है। कई लोग सोचते हैं कि कोरोना है तो मैं पहले दिन से ही सारी दवाई शुरू कर लेता हूं, इससे साइड इफेक्ट ज्यादा होते हैं।
गृह मंत्रालय के एडिशनल सेक्रेटरी ने बताया कि देश में मेडिकल ऑक्सीजन का उत्पादन ज्यादा बढ़ाया जा रहा है। हमारी ऑक्सीजन उत्पादन क्षमता 7,259 मीट्रिक टन है। 24 अप्रैल को 9,103 मीट्रिक टन ऑक्सिजन का उत्पादन हुआ है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि कुछ राज्य है जहां सक्रिय मामलों की संख्या ज्यादा बनी हुई है। इनमें महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, केरल, राजस्थान, छत्तीसगढ़, गुजरात और तमिलनाडु राज्य शामिल है। पूरे देश में अब तक 14 करोड़ 19 लाख कोरोना वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी है।