बयानबाजी मामले में योगगुरु रामदेव ने दी एफआईआर रद्द करने की अर्जी

बयानबाजी मामले में योगगुरु रामदेव ने दी एफआईआर रद्द करने की अर्जी
योगगुरु बाबा रामदेव

लगभग 1 महीने से विवादों में रहने वाले योग गुरु बाबा रामदेव अब थोड़ा नरम हो रहे हैं। उन्होंने सर्वोच्चय न्यायालय में अर्जी दी है कि उनके खिलाफ बयानबाजी के लिए दर्ज सभी एफआईआर की कार्रवाई पर रोक दी जाए। एलोपैथी चिकित्सा और डॉक्टरों को लेकर उनकी ओर से दिए गए विवादित बयानों को लेकर बीते कुछ दिनों में योग गुरु के खिलाफ कई केस दायर किए गए हैं।

अपनी अर्जी में योगगुरु ने मांग की है कि आईएमए की ओर से उनके खिलाफ कराई गई एफआईआर की कार्रवाई पर रोक लगाई जाए। रामदेव के खिलाफ आईएमए की पटना और रायपुर यूनिट की ओर से केस दायर किए गए हैं। बाबा रामदेव ने इन दोनों ही एफआईआर को दिल्ली ट्रांसफर किए जाने की मांग की है।  

रायपुर पुलिस ने बाबा रामदेव के खिलाफ एलोपैथी चिकित्सा पद्धति और दवाओं को लेकर गलत जानकारी फैलाने के आरोप में एफआईआर दर्ज की है। बीते सप्ताह बुधवार को पुलिस ने यह केस दर्ज किया था। इस एफआईआर को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की छत्तीसगढ़ यूनिट ने दर्ज कराया है। योग गुरु के खिलाफ महामारी को लेकर लापरवाही बरतने के आरोप में केस दर्ज किया गया है।

इसके अलावा डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट, 2005 के तहत भी उनके केस फाइल किया गया है। बाबा रामदेव का पिछले दिनों एक वीडियो सामने आया था, जिसमें वह कथित तौर पर डॉक्टरों पर तंज कसते दिख रहे हैं। इसके बाद से ही इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और योग गुरु के बीच जुबानी जंग तेज हो गई थी।

आपको बता दें कि बाबा रामदेव के बयान का इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने तीखा विरोध किया था। यही नहीं उनके बयान के खिलाफ ब्लैक डे का भी आयोजन किया गया था। केंद्रीय स्वास्थय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन के दखल पर बाबा रामदेव ने अपना बयान वापस ले लिया था, लेकिन आईएमए से कई सवाल भी पूछे थे। इसके बाद फिर से विवाद मुखर हो गया था। हालांकि पिछले दिनों एक बार फिर से बाबा रामदेव ने सुलह का रास्ता अख्तियार करते हुए कहा था कि वह भी कोरोना का टीका लगवाएंगे और डॉक्टरों को उन्होंने धरती का भगवान बताया था।