बिहार में बड़ी सियासी उठापटक: नीतीश कुमार देंगे इस्तीफा, शाम 4 बजे राज्यपाल से करेंगे मुलाकात

बिहार में बड़ी सियासी उठापटक: नीतीश कुमार देंगे इस्तीफा, शाम 4 बजे राज्यपाल से करेंगे मुलाकात

बिहार में लंबी खींचतान के बाद सियासी अटकलों पर फुलस्टॉप लग गया है। न सिर्फ बीजेपी-जेडीयू का गठबंधन टूट गया है, बल्कि नीतीश कुमार के सीएम पद से इस्तीफा पर भी मुहर लग गई। इसके साथ ही सूबे में नई सरकार के गठन को लेकर भी फैसला हो चुका है।

बिहार में बैठकों का दौर जारी

बिहार में एक तरफ जदयू तो दूसरी तरफ राजद के विधायकों और सांसदों का बैठक चल रहा है। हालांकि माना जा रहा है कि यह सिर्फ प्रक्रियामात्र है, जदयू और भाजपा का गठबंधन टूट चुका है। भाजपा ने अपने नेताओं और प्रवक्ताओं को मीडिया के सामने कोई बयान से बचने को कहा है। वहीं कांग्रेस और लेफ्ट ने तेजस्वी यादव को अपना समर्थन पत्र सौंप दिया है। कांग्रेस और लेफ्ट के नेताओं ने खुल कर नीतीश कुमार का महागठबंधन में स्वागत किया है।

तेजस्वी के द्वारा गृह विभाग की माँग

जानकारी के अनुसार, राजद के बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि वो मुख्यमंत्री के रूप में नीतीश कुमार को समर्थन देंगे लेकिन गृह विभाग तेजस्वी यादव के पास रहेगा। साथ ही स्पीकर पद भी राजद ने अपने हिस्से में रखने का फैसला लिया है। बता दें, जब से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बने हैं, तब से गृह विभाग नीतीश कुमार ने अपने पास रखा है। 2020 में भी जदयू तीसरी नम्बर की पार्टी रहते हुए भी नीतीश कुमार ने गृह विभाग को अपने हिस्से में रखा था। अब देखना दिलचस्प होगा कि क्या नीतीश कुमार एकबार फिर महागठबंधन की सरकार में शामिल होंगे?

राजद सबसे बड़ी राजनीतिक दल

बिहार में 79 सीटों के साथ राजद सबसे बड़ी राजनीतिक दल है। वहीं भाजपा के पास 77 और जदयू के पास 45 विधायकों की संख्या है। वहीं कांग्रेस के पास 19 और लेफ्ट दलों के 16 विधायक हैं। बिहार में कुल विधानसभा सीट 243 है। बहुमत के लिए 122 सीट होना जरूरी है। अगर नीतीश कुमार महागठबंधन में शामिल होते है तो 150 से अधिक सीटों के साथ सरकार बनाएगी। बता दें, पिछले दिनों ही एआईएमआईएम के चार विधायक राजद में शामिल हो गए थे। जिसके बाद राजद बिहार की सबसे बड़ी पार्टी बन गई थी। इससे पहले भाजपा बिहार की बड़ी राजनीतिक दल थी।