प्रमुख मीडिया फर्म जी एंटरटेनमेंट और सोनी पिक्चर्स ने बुधवार को कहा कि उन्हें विलय के लिए सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है, जिसके तहत दोनों कंपनियों के लाइनर नेटवर्क, डिजिटल संपत्ति, निर्माण परिचालन और कार्यक्रम लाइब्रेरी को साथ लाया जाएगा।
जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेस लिमिटेड (जील) के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी पुनीत गोयनका विलय के बाद बनी इकाई का नेतृत्व करेंगे।
सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया (एसपीएनआई) ने एक बयान में कहा कि उसकी मूल कंपनी सोनी पिक्चर्स एंटरटेनमेंट आगे और निवेश करेगी, ताकि एसपीएनआई के पास लगभग 1.575 अरब अमेरिकी डॉलर का नकद अधिशेष हो।
एसपीएनआई ने कहा कि संयुक्त कंपनी से सभी हितधारकों को लाभ मिलने की उम्मीद है। सौदे के अनुसार संयुक्त कंपनी में एसपीएनआई के शेयरधारकों की बहुलांश हिस्सेदारी होगी।
जील के अनुसार जील और एसपीएनआई के मौजूदा अनुमानित इक्विटी मूल्यों के आधार पर, जील के पक्ष में सांकेतिक विलय अनुपात 61.25 प्रतिशत है।
जील ने आगे कहा, ‘‘हालांकि, एसपीएनआई में वृद्धि पूंजी के प्रस्तावित निवेश के बाद नई इकाई में जील की हिस्सेदारी 47.07 प्रतिशत और शेष 52.93 प्रतिशत हिस्सेदारी एसपीएनआई के पास रहने की उम्मीद है।’’
बयान में यह भी कहा गया कि जी एंटरटेनमेंट के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी पुनीत गोयनका विलय के बाद बनी इकाई का नेतृत्व करते रहेंगे। हालांकि, गोयनका कंपनी के दो सबसे बड़े शेयरधारकों – इनवेस्को और ओएफआई ग्लोबल चाइना फंड एलएलसी द्वारा पद छोड़ने के दबाव का सामना कर रहे थे।
सौदे की शर्तों के मुताबिक विलय के बाद बनी कंपनी के बोर्ड में बहुसंख्यक सदस्य सोनी द्वारा नामित किए जाएंगे, जबकि गोयनका इसका नेतृत्व करेंगे।
इस सौदे से जी पर कुछ दबाव कम होगा, जबकि इससे सोनी को भारत में मीडिया कारोबार बढ़ाने में मदद मिलेगी।
संयुक्त इकाई के पास 70 से अधिक टीवी चैनल, दो वीडियो स्ट्रीमिंग सेवाएं (जी5 और सोनी लिव) और दो फिल्म स्टूडियो (जी स्टूडियो और सोनी पिक्चर्स फिल्म्स इंडिया) होंगे और यह देश का सबसे बड़ा मनोरंजन नेटवर्क होगा।
भारतीय बाजार में इसके निकटतम प्रतिस्पर्धी स्टार एंड डिज्नी हैं।
जील ने एक बयान में कहा कि मंगलवार को हुई उसकी बोर्ड बैठक में सर्वसम्मति से एसपीएनआई और कंपनी के विलय को सौद्धान्तिक मंजूरी दी गई। विलय के बाद बनी कंपनी भारत में सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध होगी।
इसके अलावा सौदे की शर्तों के तहत प्रवर्तक सुभाष चंद्रा परिवार अपनी हिस्सेदारी को मौजूदा चार प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत तक कर सकता है। चंद्रा ने कर्ज चुकाने के लिए जी में अपनी हिस्सेदारी बेची थी।
जील के अध्यक्ष आर गोपालन ने कहा कि नियामक दिशानिर्देशों के मुताबिक इस प्रस्ताव पर जील के शेयरधारकों की सहमति ली जाएगी।