अनाथ बच्चों को शिवराज सरकार का बड़ा तोहफा, मिलेंगे प्रतिमाह 5 हजार

अनाथ बच्चों को शिवराज सरकार का बड़ा तोहफा, मिलेंगे प्रतिमाह 5 हजार

कोरोना संक्रमण के प्रकोप ना जाने कितने ही बच्चें अनाथ हो गए हैं। इस कारण उन बच्चों का भविष्य अंधकार में दिख रहा है। लेकिन अब मध्य प्रदेश सरकार उन बच्चों के मदद के लिए आगे आई है। प्रदेश सरकार के द्वारा मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना शुरू किया गया है। जिसके तहत अनाथ बच्चों को आर्थिक, शैक्षणिक और व्यवसायिक तौर पर सहयोग करेगी। इस योजना का लाभ उन बच्चों को भी मिलेगा तो किसी अन्य कारण से अनाथ हो गए हैं और वो किसी संस्था या अपने संगेसंबंधियों के पास रह रहे हैं।

इस योजना का लाभ कोरोना महामारी के कारण अनाथ हुए बच्चों को पहले से मिल रही थी। लेकिन अब उन बच्चों को भी इसका लाभ मिलेगा, जो किसी अन्य परिस्थिति के वजह से अनाथ हुए है। महिला एवं बाल विकास की संयुक्त संचालक डॉ. संध्या व्यास ने इस योजना के संबंध में जानकारी देते हुए कहा है कि इस योजना को लेकर इंदौर जिले में सर्वे शुरू हो गया है। उन्होंने बताया कि इस योजना को दो हिस्सों में बंटा गया है। पहला हिस्सा ऑफ्टर केयर है, जिसके तहत उन बच्चों को आर्थिक व प्रशिक्षण सहायता दिया जाएगा, जो किसी भी बाल संरक्षण संस्था से 18 वर्ष पूरा करने के बाद निकले हैं। वहीं इस योजना का दूसरा हिस्सा स्पॉन्सरशिप है, जिसके तहत उन अनाथ बच्चों को आर्थिक सहायता दिया जाएगा, जिनकी आयु 18 वर्ष से कम है और वो अपने संबंधियों के पास रह रहे हैं। डॉ. संध्या ने इस योजना का मकसद बताते हुए कहा कि इस योजना का उद्देश्य उन बच्चों के भविष्य को उज्ज्वल करना है, जिसके माता पिता किसी भी कारणवश अब इस दुनिया मे नहीं रहे।

क्या है ऑफ्टर केयर योजना?

ऑफ्टर केयर योजना के तहत उन बच्चों को शामिल किया जाएगा, जो 18 वर्ष के बाद किसी अनाथ आश्रम से निकलकर अपने आगे का जीवनयापन करेंगे। इस दौरान सरकार उन्हें औद्योगिक संस्थाओं, प्रतिष्ठानों में इंटर्नशिप करवाएगी और फिर वहीं या सामना क्षेत्र के संस्थान में रोजगार मुहैया करवाएगी। बच्चों को इंटर्नशीप खत्म होने या फिर एक वर्ष तक प्रति माह 5 हज़ार रुपये आर्थिक सहायता भी करेगी। जिससे वो अपनी रोजमर्रा के आवश्यकता को पूरा कर सके। इसके अलावा इस योजना के तहत बच्चों को टेक्निकल संस्थानों, मेडिकल क्षेत्रों, होटल मैनेजमेंट सहित कई अन्य क्षेत्रों में व्यवसायिक प्रशिक्षण निःशुल्क दिया जाएगा। इस दौरान भी बच्चों को 5 हज़ार रुपए दिया जाएगा लेकिन यह अवधि 2 वर्ष या प्रशिक्षण खत्म होने तक दिया जाएगा। वहीं जो बच्चें राज्य या केंद्र स्तरीय प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग लेना चाहते हैं, उन्हें प्रदेश सरकार 5 से 8 हज़ार रुपये प्रति माह आर्थिक सहायता देगी।

क्या है स्पॉन्सरशिप?

इस योजना का मुख्य उद्देश्य यह कि अगर कोई अनाथ बच्चा अपने संगे संबंधियों के साथ रह रहा है तो उन लोगों पर रहे अतिरिक्त भार को को करना। इस योजना के तहत अगर कोई बच्चा अपने रिश्तेदार के पास रह रहा है तो उसे एक साल तक 4 हज़ार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान किया जाएगा। यह पैसा बच्चे और उनके संरक्षक के साझा बैंक अकाउंट में डाला जाएगा। वैसे तो यह सहयोग एक साल तक दिया जाएगा लेकिन अगर बच्चे या परिवार के आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होती है तो इस अवधि को और बढ़ा दिया जाएगा। गौर करने वाली बात यह है कि इस योजना का लाभ 18 वर्ष की आयु को लिया जा सकता है।