उमाकांत त्रिपाठी।बिहार में एक बार फिर भाजपा ने तेजस्वी यादव को झटका दिया है। महागठबंधन के तीन विधायक बीजेपी में शामिल हो गए हैं। इनमें कांग्रेस के दो और आरजेडी का एक विधायक है। इसके पहले 12 फरवरी को फ्लोर टेस्ट के दौरान भी RJD के तीन विधायक NDA में शामिल हो गए थे।
कांग्रेस के पूर्व मंत्री और विधायक मुरारी गौतम, विक्रम विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक सिद्धार्थ सौरभ, मोहनिया से आरजेडी विधायक संगीता कुमारी बीजेपी में शामिल हो गई हैं। चर्चा है कि कांग्रेस विधायक सिद्धार्थ को बीजेपी लोकसभा चुनाव में पाटलिपुत्रा और मुरारी गौतम को सुरक्षित सीट सासाराम से टिकट दे सकती है।
तीनों विधायक भगवा पट्टे में डिप्टी सीएम और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी के साथ विधानसभा परिसर में जाते नजर आए। इधर, पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव जन विश्वास यात्रा पर हैं। उन्होंने सुबह कटिहार में क्रिकेट मैच खेला और भागलपुर में रोड शो किया।
संगीता कुमारी पहली बार राजद के टिकट पर राजनीति में आई और चुनाव जीत गई। संगीता करीब 8 साल पहले राजनीति में आई थीं। इस बीच वे राजद महिला प्रकोष्ठ की जिलाध्यक्ष भी रहीं। जिला परिषद सदस्य का चुनाव लड़ी थीं।
अब बिहार की सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी
अब आरजेडी की जगह बिहार की सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी हो गई है। आरजेडी के 3 विधायक घटने के बाद कुल 75 विधायक हो गए हैं, जबकि बीजेपी में कांग्रेस के दो और राजद के एक विधायक बीजेपी में शामिल होने पर उसके विधानसभा में 81 विधायक हो गए हैं।
जानिए क्यों छोड़ी पार्टी…
मुरारी प्रसाद गौतम – रोहतास जिले के चेनारी विधानसभा सीट से दूसरी बार विधायक बने हैं। कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते थे। कांग्रेस की बड़ी नेत्री मीरा कुमार गुट के माने जाते हैं। मुरारी गौतम कांग्रेस के पूर्व बिहार प्रभारी भक्त चरण दास के काफी करीबी थे। इसी वजह से उन्हें महागठबंधन सरकार ने कांग्रेस की तरफ से मंत्री भी बनाया गया था, लेकिन अखिलेश प्रसाद सिंह के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद से नाराज चल रहे थे। गौतम अनुसूचित जाति से आते हैं।
दो बार रहे कांग्रेस के विधायक
सिद्धार्थ सौरभ- पटना जिले के विक्रम विधानसभा सीट से विधायक हैं। दो बार कांग्रेस से विधायक रहे हैं। विधायक दल के नेता की रेस में इनका नाम था, लेकिन तब अजीत शर्मा को यह पद मिल गया था। दोनों भूमिहार जाति से आते हैं। इनके पाला बदलने की पीछे एक और वजह भी बताई जा रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. अखिलेश कुमार सिंह से इनकी नहीं बन रही थी। काफी दिनों से दोनों के बीच अनबन की खबरें सामने आ रही थी। इसी कारण से सिद्धार्थ ने कांग्रेस का हाथ छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया है।
संगीता कुमारी: पहली बार राजद के टिकट पर कैमूर जिले के मोहनिया से विधायक हैं। इन्होंने बीजेपी प्रत्याशी को हराया था। संगीता करीब 8 साल पहले राजनीति में आई थीं। इस बीच वे राजद महिला प्रकोष्ठ की जिलाध्यक्ष भी रहीं। जिला परिषद सदस्य का चुनाव लड़ी थीं।
डिप्टी सीएम ने दिया बयान
डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कहा कि हम लोगों ने तो कहा नहीं था कि खेला करेंगे। लेकिन, जिस बच्चे ने कहा था कि हम खेल करेंगे, उसे हम बार-बार खेलने के लिए खिलौना दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो खेल कर रहे थे, उन्हीं के साथ खेल हो रहा है।
सम्राट चौधरी बोले
लालू प्रसाद यादव पर अब किसी को भरोसा नहीं है। लालू परिवार के साथ जो रहेगा, वह चुनाव जीतकर कैसे आएगा, जो स्वयं चुनाव नहीं जीत पाता। एनडीए में और एमएलए के आने पर सम्राट चौधरी ने कहा, रास्ते खुले हैं अभी और भी लोग आ सकते हैं।
इसलिए लगा बड़ा झटका
पटना के गांधी मैदान में 3 मार्च को महागठबंधन की महारैली है। इसमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी, आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी समेत लेफ्ट के बड़े लीडर शामिल हो रहे हैं। इसके पहले ही भाजपा ने महागठबंधन के तीन विधायक तोड़कर बड़ा झटका दिया है। 2 मार्च को पीएम नरेंद्र मोदी का बिहार दौरा प्रस्तावित है।