राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के द्वारा सीबीआई जांच पर लगी रोक हटा दी गई।

राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के द्वारा सीबीआई जांच पर लगी रोक हटा दी गई।

उमाकांत त्रिपाठी।
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) अब राजस्थान से जुड़े किसी भी मामले की जांच कर सकेगी। अब बिना राज्य सरकार से पूछे भ्रष्टाचार और दूसरे मामलों में सीधे छापेमारी CBI कर सकेगी। सीएम भजनलाल शर्मा ने अशोक गहलोत सरकार के समय CBI जांच की सहमति पर लगी रोक को हटाने का फैसला वापस ले लिया है। सीएम ने राजस्थान में CBI को जांच के लिए सहमति दे दी है। इस आदेश के बाद अब सीबीआई राजस्थान में किसी मामले को लेकर कार्रवाई कर सकेगी। उसे राज्य सरकार से अनुमति की जरूरत नहीं होगी।

सीएम से प्रस्ताव की मंजूरी के बाद गृह विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है। अब सीबीआई को जांच के लिए हर मामले में राज्य सरकार की अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी।

गहलोत सरकार ने लगाई थी रोक
गहलोत सरकार ने CBI को राजस्थान में जांच के लिए दी गई सामान्य सहमति वापस ले ले थी। 2019 में गहलोत सरकार के रोक लगाने के बाद से CBI बिना राज्य सरकार की मंजूरी के कोई जांच या एक्शन नहीं कर पा रही थी। उस वक्त सभी कांग्रेस शासित राज्यों ने अपने यहां CBI की एंट्री रोक दी थी। CBI को किसी भी मामले में जांच करनी होती थी या छापा मारना होता था तो पहले राज्य सरकार से मंजूरी लेनी होती थी, जो मिलती नहीं थी।

पीएम मोदी के दौरे और डीजी कॉन्फ्रेंस से पहले फैसला
भजनलाल सरकार ने CBI को राजस्थान में जांच के लिए सामान्य कंसेंट पर लगी रोक को हटाने का फैसला पीएम मोदी के दौरे और डीजी कॉन्फ्रेंस से ठीक पहले किया है। संस्थागत भ्रष्टाचार, आंतरिक सुरक्षा और इंटर स्टेट क्राइम के मामलों में जांच के लिए CBI अहम एजेंसी है। डीजी कॉन्फ्रेंस में इन मुद्दों पर चर्चा होनी है। बीजेपी शासित सभी राज्यों में CBI जांच की राज्यों की अनुमति दी हुई है। राजस्थान में दिसंबर में बीजेपी की सरकार बनने के बाद अब CBI जांच पर सामान्य मंजूरी दे दी है।

गहलोत सरकार ने कई मामले CBI जांच के लिए भेजे थे
राज्य सरकार किसी केस को CBI को देना चाहेगी तो उसके लिए केंद्र सरकार को लिखना होगा। CBI जांच के लिए केंद्र सरकार राज्य की सिफारिश को एजेंसी के पास भेजती है। CBI राज्य सरकार की सिफारिश पर केस को लेने या नहीं लेने पर फैसला करती है। गहलोत सरकार ने भी कई मामले CBI जांच के लिए भेजे थे। सीआई विष्णुदत्त आत्महत्या मामला, बाड़मेर में प्रजापति एनकाउंटर केस की जांच CBI से कराने के लिए गहलोत सरकार ने सिफारिश की थी। दोनों मामलों की जांच CBI ने की।