जम्मू कश्मीर को लेकर लोकसभा में कांग्रेस पर साधा निशाना, कहा आपने 70 सालो में क्या किया

जम्मू कश्मीर को लेकर लोकसभा में कांग्रेस पर साधा निशाना, कहा आपने 70 सालो में क्या किया
गृह मंत्री अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक का राज्य के दर्जे से कोई संबंध नहीं है और उपयुक्त समय पर जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाएगा। लोकसभा में जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2021 पर चर्चा का जवाब देते हुए गृह मंत्री ने कहा कि इस विधेयक में ऐसा कहीं भी नहीं लिखा है कि इससे जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा नहीं मिलेगा। वहीं चर्चा के बाद लोकसभा ने जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2021 पारित कर दिया है।

शाह ने इस दौरान कहा कि जिन्होंने धारा 370 वापस लाने के आधार पर चुनाव लड़ा था वो साफ हो गए साफ… कोई भी आरोप नहीं लगा सकता, हमारे विरोधी भी यह नहीं कर सकते कि डीडीसी चुनाव में घपला हुआ। सबने भयमुक्त होकर मतदान किया था। जम्मू-कश्मीर में पंचायत चुनाव में 51 फीसदी मतदान हुआ था।’

अमित शाह ने चर्चा के दौरान कहा कि मैं फिर से कहता हूं कि इस विधेयक का जम्मू-कश्मीर के राज्य के दर्जे से कोई संबंध नहीं है। उपयुक्त समय पर प्रदेश को राज्य का दर्जा दिया जाएगा।4जी इंटरनेट सुविधाएं दबाव में बहाल करने के आरोप पर जवाब देते हुए शाह ने कहा कि असदुद्दीन ओवैसी जी ने कहा कि 2जी से 4जी इंटरनेट सेवा को विदेशियों के दबाव में लागू किया है।

Due to the politics of Vote Bank, Section 370 was continued in Jammu and Kashmir, says Amit Shah in Lok Sabha

अमित शाह ने आगे कहा कि उन्हें पता नहीं है कि यह संप्रग सरकार नहीं, जिसका वह समर्थन करते थे। यह नरेंद्र मोदी की सरकार है, जो देश के लिए फैसले करती है

अमित शाह ने आगे कहा कि यहां कहा गया कि अनुच्छेद 370 हटाने के वक्त जो वादे किए गए थे, उनका क्या हुआ? मैं उसका जवाब जरूर दूंगा लेकिन पूछना चाहता हूं कि अभी तो अनुच्छेद 370 को हटे हुए केवल 17 महीने हुए हैं, आपने 70 साल क्या किया उसका हिसाब लेकर आए हो क्या?

अमित शाह ने कहा कि जिन्हें पीढ़ियों तक देश में शासन करने का मौका मिला, वे अपने गिरेबां में झांककर देखें, क्या आप हमसे 17 महीने का हिसाब मांगने के लायक हैं या नहीं।

गृह मंत्री ने कहा कि मैं इस सदन को फिर से एक बार कहना चाहता हूं कि कृपया जम्मू कश्मीर की स्थिति को समझें। राजनीति करने के लिए कोई ऐसा बयान न दें, जिससे जनता गुमराह हो। शाह ने कहा कि औवेसी अफसरों का भी हिन्दू मुस्लिम में विभाजन करते हैं।

एक मुस्लिम अफसर हिन्दू जनता की सेवा नहीं कर सकता या हिन्दू अफसर मुस्लिम जनता की सेवा नहीं कर सकता क्या? उन्होंने कहा कि अफसरों को हिन्दू-मुस्लिम में बांटते हैं और खुद को धर्मनिरपेक्ष कहते हैं। बता दें कि एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने जम्मू कश्मीर में आबादी के हिसाब से मुस्लिम अफसरों की संख्या कम होने का आरोप लगाया था