प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नई दिल्ली में लाखों कारीगरों-परिवारों के लिए पीएम विश्वकर्मा योजना लांच की

विश्वकर्मा समाज में हमेशा महत्वपूर्ण बने रहेंगे, यह योजना उन्हें आधुनिक युग में ले जाने का एक प्रयास – प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 77वें स्वतंत्रता दिवस पर की गई अपनी घोषणानुसार आज विश्वकर्मा जयंती पर नई दिल्ली में विश्वकर्मा योजना लांच की। इस अवसर पर देश में विभिन्न स्थानों पर भी कार्यक्रम आयोजित हुए।

 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नई दिल्ली स्थित द्वारका में इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर (यशोभूमि) राष्ट्र को समर्पित की। विश्वकर्मा जयंती समारोह में अपने संबोधन उन्होंने कहा कि लाखों कारीगरों-परिवारों के लिए पीएम विश्वकर्मा योजना आशा की किरण बनकर आ रही है। उन्होंने देश के रोजमर्रा के जीवन में विश्वकर्माओं के योगदान व महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि प्रौद्योगिकी में चाहे कितनी भी प्रगति क्यों न हो जाए, विश्वकर्मा समाज में हमेशा महत्वपूर्ण बने रहेंगे।

उन्होंने कहा कि समय की मांग है कि विश्वकर्माओं को मान्यता दी जाए और उनका समर्थन किया जाए। सरकार विश्वकर्माओं का सम्मान, क्षमता व समृद्धि बढ़ाने के लिए भागीदार के रूप में आगे आई है। उन्होंने कहा कि दुनिया में बड़ी कंपनियां अपना काम छोटे उद्यमों को सौंप देती हैं। आउटसोर्स का यह काम हमारे विश्वकर्मा मित्रों को मिलें, वे वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का हिस्सा बनें,  हम इसके लिए काम कर रहे हैं।

योजना विश्वकर्मा मित्रों को आधुनिक युग में ले जाने का एक प्रयास है। बदलते समय में, प्रशिक्षण, प्रौद्योगिकी व उपकरण विश्वकर्मा मित्रों के लिए महत्वपूर्ण हैं। प्रशिक्षण में 500 रुपये प्रतिदिन भत्ता दिया जाएगा, आधुनिक टूलकिट के लिए 15 हजार रुपये का वाउचर दिया जाएगा। उत्पादों की ब्रांडिंग, पैकेजिंग, मार्केटिंग में सरकार मदद करेगी। विश्वकर्मा मित्रों को बिना गारंटी बहुत कम ब्याज पर 3 लाख रु. तक ऋण मिलेगा। केंद्र वंचितों के विकास को प्राथमिकता देता है।

उन्होंने कहा, “मोदी उन लोगों के लिए खड़े हैं, जिनकी परवाह करने वाला कोई नहीं है। वह यहां सेवा करने, सम्मान का जीवन देने व यह सुनिश्चित करने के लिए हैं कि सेवाओं का वितरण बिना किसी असफलता के हो। यह मोदी की गारंटी है।” उन्होंने कहा कि वोकल फॉर लोकल के प्रति समर्पण पूरे देश की जिम्मेदारी है। पहले हमें लोकल के लिए वोकल बनना होगा और फिर लोकल को ग्लोबल बनाना होगा।