भारत

विधानसभा चुनावों के बाद सरकार एमएसपी के लिए समिति गठन को तैयार: तोमर

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को राज्यसभा में कहा कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के संबंध में एक समिति बनाने के लिए प्रतिबद्ध है और निर्वाचन आयोग ने पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया खत्म होने के बाद समिति गठित करने को कहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल नवंबर में तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की घोषणा करते हुए एमएसपी पर कानूनी गारंटी की किसानों की मांग पर विचार के लिए एक समिति गठित करने का वादा किया था।

तोमर ने उच्च सदन में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों का जवाब देते हुए कहा कि सरकार ने पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर निर्वाचन आयोग को पत्र लिखा था।

उन्होंने कहा कि चूंकि चुनाव चल रहे हैं, इसलिए सरकार ने चुनाव आयोग को मार्गदर्शन के लिए पत्र लिखा था। उन्होंने कहा कि आयोग का जवाब आ गया है और चुनाव संपन्न होने के बाद समिति का गठन किया सकता है।

तोमर ने कहा कि एमएसपी पर समिति बनाने का मामला मंत्रालय के विचाराधीन है और विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद इसका गठन किया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर, गोवा और पंजाब में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया चल रही है।

प्रसन्ना आचार्य (बीजू जनता दल) ने सवाल किया था कि क्या सरकार एमएसपी को कानूनी गारंटी देने के लिए कोई विधेयक लाने पर विचार कर रही है।

कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि एमएसपी पर एक समिति कुछ राज्यों में विधानसभा चुनावों के बाद गठित की जाएगी। उन्होंने कहा कि समिति जो भी सिफारिशें करेगी, सरकार उन पर विचार करेगी।

मंत्री ने यह भी बताया कि एमएसपी एक प्रशासनिक निर्णय है और इसे देश भर में कई वर्षों से लागू किया जा रहा है। तोमर ने कहा कि 2018 से पहले एमएसपी को परिभाषित करने और खेती को लाभदायक बनाने के लिए कोई तंत्र नहीं था। उन्होंने कहा कि उत्पादन लागत से 50 फीसदी अधिक एमएसपी तय करना स्वामीनाथन समिति की 14 सिफारिशों में से एक थी, जिसे तत्कालीन अंतर-मंत्रालयी समिति ने खारिज कर दिया था। प्रधानमंत्री मोदी ने 2018-19 में उस सिफारिश को स्वीकार कर लिया और किसानों के हित में उच्च एमएसपी शुरू किया।

पिछले सात वर्षों में सरकार की एमएसपी खरीद में वृद्धि का जिक्र करते हुए तोमर ने कहा कि एमएसपी को पहले के समय से दोगुना कर दिया गया है। वर्तमान बजट में भी लगभग 2.37 लाख करोड़ रुपये की खरीद के लिए प्रावधान किए गए हैं।

उन्होंने कहा कि किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य मिलना चाहिए और सरकार इस दिशा में प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि खरीद बढ़ाने के अलावा, सरकार पीएम-किसान सहित कई योजनाओं को भी लागू कर रही है।

प्रश्नकाल के दौरान ही कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने अन्य पूरक सवालों के जवाब में कहा कि 2004 में गठित स्वामीनाथन समिति ने 2006 में अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। इसके बाद 2007 में एक अंतर-मंत्रालयी समिति का गठन किया गया था और समिति ने आयोग की 215 में से 201 सिफारिशों को स्वीकार कर लिया था।

उन्होंने कहा कि स्वामीनाथन आयोग ने उत्पादन लागत से 50 प्रतिशत अधिक एमएसपी तय करने की सिफारिश की थी, लेकिन तब अंतर-मंत्रालयी समिति ने इसे स्वीकार नहीं किया था। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने उस सिफारिश को स्वीकार कर लिया और एमएसपी उत्पादन लागत से 50 फीसदी अधिक है।

चौधरी ने कहा कि स्वामीनाथन आयोग ने भी मंत्रालय का नाम कृषि कल्याण मंत्रालय करने की सिफारिश की थी, लेकिन अंतर-मंत्रालय समिति ने उसे खारिज कर दिया था। हालांकि, मोदी सरकार ने मंत्रालय का नाम बदलकर ‘कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय’ कर दिया।

What's your reaction?

Related Posts

11 साल छोटे लड़के से प्यार, फिर नाबालिग BF को भगा ले गई महिला, घर वापस लौटी तो लड़के मां बोली-बहू तो बनेगी लेकिन…

उमाकांत त्रिपाठी। राजधानी भोपाल के गौतम नगर क्षेत्र में रहने वाले ग्यारह साल…

इंदौर में ऑस्ट्रेलिया की महिला क्रिकेटरों से छेड़छाड़, कैफे जा रही प्लेयर्स, अकील खान गिरफ्तार

खबर इंडिया की।इंदौर में ऑस्ट्रेलियाई महिला क्रिकेट टीम की सुरक्षा में बड़ी चूक…

एशिया कप से मिलने वाली पूरी फीस इंडियन आर्मी को देंगे सूर्यकुमार यादव, जानिए कितनी है उनकी मैच फीस.?

खबर इंडिया की।सूर्यकुमार यादव की कप्तानी में भारतीय टीम ने एशिया कप 2025 में…

1 of 372

Leave A Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *