झारखंड न्यूज; इस राज्य की सरकार का बड़ा ऐलान, अब 60 नहीं 50 साल से ही मिलने लगेगी पेंशन..

झारखंड न्यूज; इस राज्य की सरकार का बड़ा ऐलान, अब 60 नहीं 50 साल से ही मिलने लगेगी पेंशन..

उमाकांत त्रिपाठी।
सरकार ने आम लोगों के लिए बड़ा ऐलान किया है. झारखंड की हेमंत सोरेन (Hemant Soren) सरकार ने राज्‍य के निवासियों को तोहफा देते हुए 60 साल के पेंशन योग्‍यता की आयु में 10 साल की बड़ी कटौती की है. इसका मतलब है कि अब झारखंड के 50 साल की उम्र वाले निवासी सरकारी पेंशन का लाभ उठा सकते हैं.

हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने आगे यह भी कहा कि उनकी सरकार राज्‍य की कंपनियों में 75 फीसदी नौकरियां भी रिजर्व करेगी. दिसंबर 2019 में सत्ता में आई हेमंत सोरेन सरकार अलग-अलग कैटेगरी के लोगों के लिए पेंशन (Pension) पेश कर चुकी है, जिस कारण पेंशन लेने वालों की संख्‍या में 200 फीसदी की उछाल आई है. राज्‍य पांच कैटेगरी में लोगों को पेंशन दे रहा है और इस वित्त वर्ष में 2,400 करोड़ रुपये खर्च किए हैं.

किसे मिलेगा पेंशन का लाभ
हेमंत सोरेन सरकार ने कहा है कि वृद्धावस्था पेंशन (Old Age Pension) का लाभ उठाने के लिए झारखंड का निवासी होना आवश्‍यक है. साथ ही वह व्‍यक्ति टैक्‍स भुगतान की कैटेगरी में नहीं आता हो. इसके अलावा, इस पेंशन का लाभ उठाने लिए वह कोई और पेंशन का लाभ नहीं ले रहा हो. इन सभी शर्तों को पूरा करने के बाद ही वह पेंशन के लिए योग्‍य होगा.

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कितने लोगों को मिला पेंशन?
वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत मार्च 2023 तक 14.25 लाख लाभार्थियों को पेंशन का भुगतान किया गया, जो 31 दिसंबर, 2019 तक 3.45 लाख से अधिक था. खासतौर पर कमजोर जनजातीय समूह पेंशन लाभार्थियों की संख्या 52,336 से बढ़कर 70,577 हो गई, जबकि निराश्रित महिला पेंशन के लाभार्थी 1.72 से बढ़कर 3.79 लाख हो गए हैं. एचआईवी एड्स रोगी लाभार्थियों की संख्या 3375 से बढ़कर 5778 हो गई, जबकि विकलांगता पेंशन लाभार्थियों की संख्या 87,796 से बढ़कर 2.44 लाख हो चुकी है.

कितना किया गया खर्च?
वहीं कैग की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्‍य सरकार ने केंद्रीय सहायता से 69,722 करोड़ रुपये जुटाये हैं. इस राजस्‍व का 40 फीसदी हिस्‍सा वेतन, भत्ते, पेंशन और विकास योजनाओं के लिए कर्ज के ब्‍याज भुगतान करने पर खर्च किया गया है. वित्तीय वर्ष 2021-2022 में राज्य सरकार ने वेतन भत्ते पर 13,979 करोड़ रुपये, पेंशन भुगतान पर 7614 करोड़ रुपये और ब्याज भुगतान पर 6,286 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे.