भारत की लंबी तटरेखा एवं प्रतिकूलताओं को ध्यान में रखते हुए संसद की एक समिति ने देश में तीन विमानवाहक पोतों की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि इससे नौसेना की युद्धक क्षमता में काफी वृद्धि होगी।
भाजपा सांसद जुएल ओराम की अध्यक्षता वाली रक्षा संबंधी संसदीय समिति की एक रिपोर्ट संसद में बुधवार को पेश की गयी। समिति ने सरकार द्वारा की गयी कार्रवाई रिपोर्ट में यह बात कही।
रिपोर्ट के अनुसार, रक्षा मंत्रालय ने की गई कार्रवाई का जिक्र करते हुए कहा कि तीसरे विमानवाहक पोत की आवश्यकता को लेकर भारतीय नौसेना की देयताओं और भविष्य की अधिग्रहण परियोजनाओं में काम किया जायेगा।
समिति को बताया गया कि अभी पूर्वी एवं पश्चिमी समुद्री तटों के दोनों ओर दो विमानवाहक पोत काम कर रहे हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, समिति ने कहा कि जब पहले दो विमानवाहकों में से कोई एक मरम्मत के लिये जाता है तो इस विशाल पोत की मरम्मत में काफी समय लगता है। ऐसे में इसके कारण उत्पन्न होने वाली परिचालन कमियों को दूर करने के लिये एवं किसी संभावित परिस्थिति से निपटने के लिये ‘तीन विमानवाहक अपरिहार्य आवश्यकता’ है।
समिति ने कहा कि मानक परिदृश्य यह है कि हर समय दो विमानवाहक पोतों की तैनाती हो जबकि एक का मरम्मत एवं रखरखाव हो। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘समिति चाहती है कि भावी अधिग्रहण की रूपरेखा तैयार करते समय नौसेना, समिति द्वारा की गई टिप्पणियों को ध्यान में रखे और इसके परिणाम से समिति को अवगत कराए।’’