पंजाब में सभी राजनीतिक पार्टियों ने विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरु कर दी है। इसी बीच प्रदेश कांग्रेस में चल रही आपसी कलह अपने चरम पर पहुंच चुकी है। खबर आ रही है कि 2017 में अपने बलबूते कांग्रेस को सत्ता में लाने वाले कैप्टन अमरिंदर सिंह नाराज हैं।
इसकी वजह सुबह से मीडिया में नवजोत सिंह सिद्धू को प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाने वाली खबरें हैं। इसी के साथ पार्टी विवाद को सुलझाने के लिए सुबह से बंधी आस शाम आते-आते टूटने लगी। सूत्रों के अनुसार, सिद्धू को तवज्जो दिए जाने से नाराज कैप्टन ने एक आपात बैठक बुलाई है। बैठक में कोई बड़ा फैसला हो सकता है।
पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने सुबह कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिद्धू आलाकमान की बात मानने को तैयार हैं। पंजाब कांग्रेस 2022 का चुनाव कैप्टन के नेतृत्व में ही लड़ेगी। इसके बाद तो सिद्धू को पंजाब कांग्रेस प्रधान बनाने की अटकलें तेज हो गई। सोशल मीडिया पर सिद्धू को बधाइयां मिलने लगीं लेकिन शाम होते-होते माहौल बदल गया।
सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की खबरों से नाराज कैप्टन के इस्तीफे की अफवाह तक उड़ गई। हालांकि सीएम के मीडिया सलाहकार ने तुरंत इसका खंडन भी किया। वहीं कैप्टन की नाराजगी के बाद सिद्धू को चुनाव प्रचार समिति का प्रधान बनाने की चर्चा होने लगी।
उधर, नाराज सिद्धू ने चंडीगढ़ में अपने समर्थक कैबिनेट मंत्री और विधायकों के साथ आगे की रणनीति तैयार की। बैठक में तय किया गया कि रणनीति के तहत सिद्धू एक दो-दिन में आलाकमान से बात करेंगे, जिसके बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नहीं बनाने पर अड़ गए हैं। वह इस पद पर एक हिंदू नेता को बैठाने पर राजी हैं। हाईकमान से बात कर कैप्टन ने अपनी नाराजगी जाहिर कर दी है।