एक तरफ दुनिया अभी भी कोरोना वायरस से जुझ रही है। दूसरी तरफ अमेरिका ने इसके पीछे का सच सामने लाने का फैसला किया है। दरअसल चीन ने बुधवार को यह प्रश्न टाल दिया कि क्या वह वुहान वायरोलॉजी इंस्टिट्यूट से कोविड-19 के लीक होने के आरोपों की स्वतंत्र जांच की अनुमति देगा या नहीं। वहीं चीन के शोधार्थियों ने दावा किया है कि यह संक्रमण पैंगोलिन से मनुष्य तक पहुंचा है। इस बीच बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने 90 दिनों के भीतर लैब लीक को लेकर जांच रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिए हैं।
दरअसल कोरोना वायरस की उत्पत्ति पर स्वतंत्र जांच की मांग अमेरिका की नयी रिपोर्ट के बाद और तेज हुई है जिसमें कहा गया है कि डब्ल्यूआईवी के कुछ शोधकर्ता चीन द्वारा 30 दिसंबर 2019 को कोविड-19 के आधिकारिक ऐलान से पहले ही बीमार पड़ गए थे।
जांच की मांग पर सवालों के जवाब देते हुए चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के विशेषज्ञ समूह द्वारा कोरोना वायरस की उत्पत्ति पर किए गए अध्ययन का हवाला दिया किंतु इस प्रश्न को टाल दिया कि कोविड-19 के डब्ल्यूआईवी से लीक होने के आरोपों की जांच बीजिंग पर सहमत होगा या नहीं। इस विशेषज्ञ समूह ने 14 जनवरी से 10 जनवरी के बीच वुहान और डब्ल्यूआईवी का दौरा किया था।
झाओ ने कहा कि डब्ल्यूएचओ के मिशन के विशेषज्ञों ने वुहान के दौरे के दौरान क्षेत्र निरीक्षण किया था और कई आंकड़ों को देखा था जिसके बाद संयुक्त अध्ययन जारी किया था जिसमें कई निष्कर्ष हैं।
मंगलवार को वाशिंगटन से आई मीडिया खबरों में व्हाइट हाउस के कोरोना वायरस सलाहकार एंडी स्लाविट के हवाले से कहा गया है, ‘हमें कोरोना वायरस की उत्पत्ति की तह में जाने की जरूरत है’ और डब्ल्यूएचओ तथा चीन को विश्व समुदाय को और निश्चित उत्तर देंने चाहिए।
चीन के पीछे पड़ा अमेरिका, कोरोना वायरस के ढुढ़ें जा रहे तार
जो बाइडन. अमेरिकी राष्ट्रपति