कई दिनों से चल रहे हिंसा के बीच विदेश मंत्रालय ने अफगानिस्तान में हो रही हिंसा के पीछे पाकिस्तान से मिल रहे समर्थन को जिम्मेदार ठहराया है. मंत्रालय ने कहा है कि दुनिया को पता है तालिबान को पाकिस्तान के जिहादियों और आतंकवादियों का समर्थन मिल रहा है. दुनिया इससे वाकिफ है और ये बताने की जरूरत नहीं.
मंत्रालय ने काबुल में दूतावास को लेकर भी स्थिति स्पष्ट कर दी है. मंत्रालय की तरफ से जानकारी दी गई है- हम स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं. हम बिगड़ती सुरक्षा स्थिति को लेकर चिंतित हैं. काबुल में हमारे मिशन ने इस सप्ताह की शुरुआत में भारतीय नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की, जिसमें उन्हें कमर्शियल फ्लाइट्स से भारत लौटने की सलाह दी गई है. काबुल में भारत का दूतावास बंद नहीं हो रहा है. इस तरह की रिपोर्ट काल्पनिक हैं.
तालिबान से बातचीत के सवाल पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा-हम सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ संपर्क में है. इस बारे में हम और जानकारी नहीं दे सकते. स्थितियां हर पल बदल रही हैं. ये चिंता का विषय है. हम चाहते हैं कि जितना जल्दी हो सके, सीजफायर हो. हम अफगानिस्तान में शांति के लिए सभी प्रयास कर रहे हैं. पहली प्राथमिकता यही है कि अफगानिस्तान में शांति स्थापित हो.
उन्होंने कहा- बीते साल अफगानिस्तान में हमारे मिशन ने 383 हिंदू और सिख लोगों को अफगानिस्तान से भारत लाने में मदद की थी. हमारा मिशन वहां के हिंदू और अफगान समुदाय के साथ संपर्क में है. हम उन्हें सभी तरह की मदद मुहैया कराएंगे.