मोदी को राष्ट्रीय स्तर पर चुनौती देने की तैयारी में दीदी, अगले साल बंगाल के बाहर भी लड़ेगी चुनाव

मोदी को राष्ट्रीय स्तर पर चुनौती देने की तैयारी में दीदी, अगले साल बंगाल के बाहर भी लड़ेगी चुनाव
ममता बनर्जी, सीएम, पश्चिम बंगाल

पश्चिम बंगाल के चुनावी नतीजों से उत्साहित दीदी अब बीजेपी को राष्ट्रीय स्तर पर मात देने में जुट गई है। इसी कड़ी में वो अब सीधा मोदी-शाह से टक्कर लेने की तैयारी कर रही है। इसके लिए पार्टी में मंथन का दौर चल रहा है। जिसमें पार्टी के भीतर से TMC के नाम में भी बदलाव करने के सुझाव आ रहे हैं।

सूत्रों की मानें तो नाम को लेकर काम भी शुरू हो गया। TMC के आगे या पीछे कुछ ऐसा जोड़ने के लिए तैयारी की जा रही है जिसमें अखंड भारत की आत्मा झलके। यूपी में खासतौर पर बसपा के वरिष्ठ नेता और रणनीतिकार सतीश चंद्र मिश्रा के साथ भी पार्टी संपर्क बनाए हुए है।

आप जानते हैं कि पश्चिम बंगाल चुनाव के दौरान भाजपा ने उन पर जमकर आरोप मढ़े लेकिन दीदी ने भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। भाजपा के 200 पार सीट पाने के मंसूबों पर दीदी ने अपनी आक्रामक शैली से पानी फेर दिया। अब TMC सूत्रों के मुताबिक ममता बनर्जी अगले साल होने वाले उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब में होने वाले चुनाव में अपने उम्मीदवार उतारेंगी। इसके लिए अभी से तैयारी भी शुरू हो गई है।

उत्तर प्रदेश में TMC ने अन्य पार्टी के नेताओं से संपर्क साधना भी शुरू कर दिया है। लगभग मरणासन्न हो चुकी बहुजन समाज पार्टी के कई नेता उनके संपर्क में हैं। सूत्रों की मानें तो मायावती के बेहद करीबी सतीश चंद्र मिश्रा से भी उनका संपर्क बना हुआ है। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि TMC इन राज्यों में अपने सहयोगी की तलाश करेगी या फिर अकेले ही चुनाव लड़ेगी।

लेकिन, TMC के एक बड़े नेता कहते हैं, ‘हमारी पहली प्राथमिकता इन राज्यों में जड़ जमाने की है। लिहाजा, अगर हमें लगेगा कि सहयोगी के साथ चुनाव लड़कर हम सत्तासीन पार्टी को चुनौती दे सकते हैं तो दूसरी पार्टी के साथ गठबंधन से बिल्कुल भी ऐतराज नहीं होगा।’

इन राज्यों में चुनाव का प्रमुख संभावित मुद्दा कोरोना काल का ‘कुप्रबंधन’ रहेगा। अब क्योंकि बंगाल की मुख्यमंत्री खुद एक महिला हैं इसलिए इन राज्यों में महिला वोटर के लिए रणनीति बनाई जा रही है। इसके अलावा किसान समुदाय के मुद्दों को उठाने के बारे में भी विचार चल रहा है। कम से कम दो राज्यों उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में भाजपा को चुनौती देने के लिए भाजपा के ही नक्शेकदम पर चलने की तैयारी हो रही है। यानी भाजपा के असंतुष्ट नेताओं से संपर्क साधकर उन्हें अपने खेमे में लाने की तैयारी की जा रही है।