
व्हाट्सएप यूजर्स के लिए एक राहत भरी खबर है। अब कंपनी की नई नीति के तहत प्राइवेसी पॉलिसी को स्वीकार नहीं करने पर आपको कोई दिक्कत नहीं होगी। अब 15 मई के बाद भी आपका खाता डिलीट नहीं होगा।

आपको बता दें कि सोशल मीडिया कंपनी की इस नई प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर विवाद खड़ा हो गया था। इस पर कंपनी ने रोक लगाते हुए अब यह राहत दी है। कंपनी ने कहा कि वह आने वाले दिनों में कुछ और हफ्तों तक यूजर्स के लिए नए रिमाइंडर जारी करेगी।

बात ये है कि वॉट्सएप के प्राइवेसी पॉलिसी के फैसले के बाद इसका स्वामित्व रखने वाली कंपनी फेसबुक को काफी विरोध का सामना करना पड़ा है। इसके कारण कई उपयोगकर्ता दूसरे प्लेटफार्म पर जा रहे हैं। ऐसे में कंपनी का नया फैसला थोड़ी राहत देने वाला है।

हाल ही में दिल्ली उच्च न्यायालय ने व्हाट्सएप की नई गोपनीयता नीति के खिलाफ दायर एक जनहित याचिका पर केंद्र सरकार और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों फेसबुक एवं व्हाट्सएप से जवाब मांगा है। मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने केंद्र, फेसबुक और व्हाट्सएप को नोटिस जारी कर 13 मई तक याचिका पर अपना पक्ष रखने को कहा है।

व्हाट्सएप ने पीठ को बताया कि व्यक्तियों की निजी बातचीत एंड टू एंड एनक्रिप्शन से सुरक्षित रहती है। याचिकाकर्ता हर्षा गुप्ता ने अदालत से कुछ अंतरिम आदेश देने की आग्रह किया क्योंकि व्हाट्सएप 15 मई से अपनी नीति को प्रभावी बनाएगा। इसे देखते हुए अदालत ने मामले को सुनवाई के लिए 13 मई को सूचीबद्ध कर दिया। इससे पहले व्हॉट्सएप ने नई प्राइवेसी पॉलिसी के बारे में बताते हुए कहा था कि सभी यूजर्स को 8 फरवरी तक इसे स्वीकार करना ही होगा। ऐसा न करने पर उपयोगकर्ताओं का खाता डिलीट कर दिया जाएगा। हालांकि विरोध को देखते हुए कंपनी ने इस अवधि को बढ़ाकर 15 मई कर दिया था।

व्हाट्सएप ने इसी साल जनवरी के पहले हफ्ते में अपनी नई प्राइवेसी पॉलिसी जारी की थी। इसे सभी उपयोगकर्ताओं को 8 फरवरी तक स्वीकार करना था, लेकिन भारत समेत कई देशों में विरोध होने के बाद कंपनी ने इसे 15 मई तक के लिए टाल दिया था। कंपनी की नई नीति के अनुसार वह बिजनेस उपयोगकर्ता का नाम, पता, फोन नंबर, लोकेशन समेत कई जानकारी को इकट्ठा करती और उसे फेसबुक, इंस्टाग्राम और मैसेंजर के साथ साझा करती।