स्वर्गीय रामविलास पासवान के पुत्र और सांसद चिराग पासवान ने बिहार की राजनीति में एक बार फिर झटके दिए हैं। बड़ी बात यह है कि चिराग ने आरजेडी नेताओं और तेजस्वी को उम्मीद की एक किरण दिखाई है तो नीतीश कुमार की आलोचना जारी रखी है।
यूपी में जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून बनाने की कोशिशों के बीच चिराग ने कहा कि कानून बनाना इस समस्या का समाधान नहीं है। उन्होंने कहा कि एलजेपी ऐसे मुद्दों का हल सामाजिक जागरुकता को ही मानती है।
बच्चों को जनसंख्या के विषय पर स्कूल के दिनों में जागरूक किया जाना चाहिए। कानून बना कर थोप देने से स्थिति नहीं सुधरने वाली है। इसके लिए उन्होंने बिहार के शराबबंदी कानून को उदाहरण बताते हुए कहा कि कानून बनाने के बाद भी राज्य में खूब शराब बिकती है।
चिराग ने कहा कि उनकी पार्टी किसी भी दल से गठबंधन के मुद्दे पर अब चुनाव के वक्त ही विचार करेगी। यह तेजस्वी और उनकी पार्टी राजद के लिए थोड़ी खुशी तो थोड़ी परेशानी की भी बात हो सकती है।
खुशी इसलिए कि अब चिराग गठबंधन के मुद्दे पर विचार करने की बात कह रहे हैं। अपनी पार्टी में टूट के पहले तक वे खुद को बीजेपी का अनन्य सहयोगी बताते थे। परेशानी इसलिए कि चिराग फिलहाल अपने पत्ते पूरी तरह खोलने के लिए तैयार नहीं हैं।
चिराग ने गठबंधन के मुद्दे पर विचार करने की बात कह कर अब गेंद पूरी तरह बीजेपी के हाथ में दे दी है। बीजेपी अगर चिराग को भाव देती है तो वे एनडीए के साथ बने रह सकते हैं। लेकिन अगर उनकी बात बीजेपी से नहीं बनी तो शायद वे महागठबंधन और राजद से जुड़ने की संभावना पर भी विचार करें।
लोजपा में टूट के बाद तेजस्वी और उनकी पार्टी की लगातार कोशिश रही है कि चिराग उनके पाले में जा जाएं। इसके लिए उन्होंने कई बार खुला आफर दिया है।