LJP में टूट, 5 सांसद ने खोला मोर्चा!

LJP में टूट, 5 सांसद ने खोला मोर्चा!
चिराग पासवान, फाइल

लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक रामविलास पासवान के निधन को तकरीबन एक साल होने वाले हैं। लेकिन उनकी पार्टी इसी एक साल में बिखरती दिख रही है। पिता ने जाते-जाते पार्टी की कमान बेटे चिराग पासवान के हाथों में सौंप के गए। लेकिन चिराग ने अब तक जितने फैसले लिए हैं उसमें कहीं भी सकारात्मक सफलता नहीं मिली है।

पार्टी के अंदर चिराग की कार्यशैली को लेकर नाराजगी इतनी अधिक है कि चाचा पशुपति पारस की अगुवाई में चचेरे भाई प्रिंस पासवान समेत पांच सांसदों ने अलग गुट बना लिया है। लेकिन ये अभी साफ नहीं हो पाया है कि यह गुट चिराग पासवान को ही पार्टी से बाहर कर देंगे या किसी दूसरे दल में शामिल होंगे।

इस पूरे राजनीतिक घटनाक्रम का मास्टर माइंड बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को माना जा रहा है। यह बात सामने आने पर पहला सवाल यही उठता है कि साफ-सुथरी पॉलिटिक्स में विश्वास रखने वाले नीतीश कुमार आखिर इस तरह के फैसलों की अगुवाई क्यों कर रहे हैं।

आप जानते हैं कि 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में वोटिंग से ठीक कुछ दिन पहले चिराग पासवान ने एनडीए से अलग होकर अकेले मैदान में उतरने का फैसला किया था। चिराग ने बिहार चुनाव में उन सीटों पर मजबूत प्रत्याशी उतारे जहां से जेडीयू के कैंडिडेट थे, वहीं जिन सीटों पर बीजेपी के प्रत्याशी थे उनपर अपनी पार्टी का कैंडिडेट ही नहीं उतारा।

माना जाता है कि इससे जेडीयू को भारी नुकसान उठाना पड़ा और मुख्यमंत्री नीतीश की पार्टी जेडीयू 43 सीटों पर सिमट गई। वहीं बीजेपी 74 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर रही। बीजेपी की केंद्रीय टीम की दखल से नीतीश कुमार को एक बार फिर मुख्यमंत्री की कुर्सी मिल गई, लेकिन नंबर गेम में पिछड़ने के चलते बीजेपी की राज्य ईकाई उनपर मनौवैज्ञानिक दबाव बनाए हुए है।

इसलिए चिराग पासवान की ओर से किए गए इस डैमेज का बदला लेने के लिए नीतीश कुमार ने उनकी पार्टी को ही तहस-नहस करने पर आतुर हैं। पहले एलजेपी के एक मात्र विधायक को जेडीयू में शामिल कराया, अब पार्टी के छह सांसदों में से पांच को चिराग से अलग करने के पीछे भी इन्हीं का हाथ माना जा रहा है।

रामविलास पासवान के छोटे भाई पशुपति पारस के नीतीश से अच्छे रिश्ते हैं। साथ ही पशुपति नहीं चाहते थे कि बिहार चुनाव में एलजेपी नीतीश का विरोध करे, लेकिन चिराग ने पार्टी अध्यक्ष के तौर पर इस सलाह को नकार दिया था, जिसका शायद उन्हें खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।