जंतर मंतर पर जारी किसानों का आंदोलन ‘किसान संसद’ के नाम से दूसरे दिन भी जारी रहा। आपको बता दे कि संसद में जारी मॉनसून सत्र के साथ-साथ जंतर-मंतर पर किसानों का किसान संसद भी आयोजित है। यह ‘किसान संसद’ शुक्रवार को दूसरे दिन भी जारी रही।
इस दौराण किसी भी तरह की अप्रिय घटना से निपटने के लिए अर्द्धसैनिक बल और पुलिसकर्मियों को भारी संख्या में तैनात किया गया है। सभी प्रवेश द्वारों पर भारी-भरकम अवरोधक लगाए गए हैं। जिससे किसी भी तरह की अनहोनी की घटना न हो।
साथ ही प्रदर्शन स्थल पर भारी संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। आंदोलन के दूसरे दिन भी किसानों का विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा।
किसानों ने ‘किसान संसद’ का आयोजन सदन अध्यक्ष हरदेव अर्शी, उपाध्यक्ष जगतार सिंह बाजवा और ‘कृषि मंत्री’ के साथ किया।
किसान संसद में एक घंटे का प्रश्नकाल भी रखा गया था जिसमें कृषि मंत्री पर सवालों की बौछार की गई जिन्होंने केंद्र के नये कृषि कानूनों का बचाव करने की पुरजोर कोशिश की।
मंत्री ने संसद को बताया कि कैसे पैर फैलाती कोवि़ड वैश्विक महामारी के बीच, किसानों को उनके घरों को लौटने और उनसे टीका लगवाने का अनुरोध किया गया था। हर बार जब मंत्री संतोषजनक जवाब देने में विफल रहते, सदन के सदस्य उन्हें शर्मिंदा करते, अपने हाथ उठाते और उनके जवाबों पर आपत्ति जताते।
संसद में जारी मॉनसून सत्र के साथ केंद्र के तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शित करने के लिए 200 किसानों का एक समूह बृहस्पतिवार को मध्य दिल्ली के जंतर-मंतर पहुंचा।
दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने जंतर मंतर पर अधिकतम 200 किसानों को नौ अगस्त तक प्रदर्शन की विशेष अनुमति दी है। जंतर-मंतर संसद परिसर से महज कुछ मीटर की दूरी पर है।