प्रतिदिन 1000 टन ऑक्सीजन उत्पादन की तैयारी, तमिलनाडु सरकार का बड़ा फैसला

प्रतिदिन 1000 टन ऑक्सीजन उत्पादन की तैयारी, तमिलनाडु सरकार का बड़ा फैसला
फाइल

पूरे भारत में कोरोना के चलते पैदा हुए ऑक्सीजन संकट के समय तमिलनाडु सरकार ने तूतीकोरिन में वेदांता स्टरलाइट प्लांट को फिर से खोलने की मंजूरी दे दी है। अभी इसे 4 महीने के लिए खोला जाएगा। जिससे एक बार फिर यहां से ऑक्सीजन उत्पादन की शुरूआत होगी।

समाचार एजेंसी रायटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, वेदांता स्टरलाइट प्लांट में प्रतिदिन 1000 टन ऑक्सीजन उत्पादन की क्षमता है। तमिलनाडु राज्य सरकार ने सोमवार को कहा कि वेदांता का स्टरलाइट कॉपर स्मेल्टिंग प्लांट, जिसे साल 2018 में पर्यावरण प्रदूषण के चलते बंद कर दिया गया था, उसे आंशिक रूप से अब 4 महीने तक के लिए फिर से खोलने की अनुमति दी गई है। तमिलनाडु सरकार की ओर से यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है, जब राज्य में कोरोना के मामलों में लगातार वृद्धि देखी जा रही है।

आपको बता दें कि साल 2018 में प्रदूषण को लेकर स्थानीय लोगों ने इस कंपनी के खिलाफ जमकर विरोध-प्रदर्शन किया था। जिसके बाद इसे बंद कर दिया गया था। अब सरकार खुद इस प्लांट से ऑक्सीजन सप्लाई करेगी। अधिकारियों के मुताबिक, सरकार एक नियंत्रण पैनल का निर्माण करेगी जो कंपनी के उत्पादन का देख-रेख करेगी। प्लांट में किसी भी तरह के तांबा उत्पादन की इजाजत नहीं होगी।

आपको बता दें कि प्रदेश सरकार ने एक सर्वदलीय बैठक कर इसकी घोषणा की। बताया जा रहा है कि इस बैठक में डीएमके चीफ एमके स्टालिन ने सुझाव दिया है कि स्टरलाइट से तमिलनाडु को मुफ्त में ऑक्सीजन प्रदान की जानी चाहिए। 

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने भी पिछले दिनों इस प्लांट को ऑक्सीजन निर्माण के लिए खोलने की बात कही थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ऑक्सीजन की कमी के चलते लोगों की मौत हो रही है तो ऐेसे में तमिलनाडु सरकार 2018 से बंद पड़ी वेदांता की स्टरलाइट इंडस्ट्री को अपने हाथ में लेकर कोरोना मरीजों की जान बचाने के लिये ऑक्सीजन का उत्पादन क्यों नहीं करती?