महिला आरक्षण बिल तो-तिहाई बहुमत से लोकसभा से पास हो गया।
बिल के समर्थन में 454 और विरोध में 2 वोट पड़े। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने पर्ची से वोटिंग कराई।ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी और औरंगाबाद से सांसद इम्तियाज जलील ने बिल के विरोध में वोट किया।
गुरुवार को बिल को राज्यसभा में पेश किया जाएगा। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने बताया कि इस विधेयक पर चर्चा के लिए साढ़े सात घंटे का समय तय किया गया है। राज्यसभा से बिल पारित होने के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। राष्ट्रपति की स्वीकृति मिलने के बाद यह कानून बन जाएगा।
बिल के मुताबिक, लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसदी रिजर्वेशन लागू किया जाएगा। लोकसभा की 543 सीटों में से 181 महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। ये रिजर्वेशन 15 साल तक रहेगा। इसके बाद संसद चाहे तो इसकी अवधि बढ़ा सकती है। यह आरक्षण सीधे चुने जाने वाले जनप्रतिनिधियों के लिए लागू होगा। राज्यसभा और राज्यों की विधान परिषदों पर लागू नहीं होगा।