अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद बोले PM मोदी- राम आग नहीं ऊर्जा हैं, विवाद नहीं समाधान हैं!

अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद बोले PM मोदी- राम आग नहीं ऊर्जा हैं, विवाद नहीं समाधान हैं!

उमाकांत त्रिपाठी। आखिरकार वह घड़ी आ गई, जब अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का विधान पूरा हो गया। 500 सालों के इंतजार के बाद 22 जनवरी को रामलला अपने दिव्य मंदिर में विराज गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के सीएम योगी की मौजूदगी में रामलला के श्रीविग्रह की प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान संपन्न हुआ। पीएम ने ही रामलला की आंख से पट्टी खोली और कमल का फूल लेकर पूजन किया। प्राण प्रतिष्ठा के बाद PM ने लोगों को संबोधित किया। 35 मिनट के भाषण में PM ने राम-राम से शुरूआत की और जय सियाराम पर अपना भाषण खत्म किया। चलिए आपको पीएम मोदी के भाषण की 10 बड़ी बातें पढ़वाते हैं।

पीएम मोदी की 10 बड़ी बातें

सबको राम-राम.आज हमारे राम आ गए हैं.सदियों की प्रतीक्षा के बाद हमारे राम आ गए हैं.

सदियों के अभूतपूर्व धैर्य, अनगिनत बलिदान, तपस्या के बाद हमारे राम आ गए हैं. इस शुभ घड़ी में समस्त देशवासियों को बहुत-बहुत बधाई.

राम अब टेंट में नहीं रहेंगे. आज का सूरज अद्भुत आभा लेकर आया…”

यह माहौल, यह वातारण, यह ऊर्जा, यह घड़ी प्रभु श्रीराम का हम सब पर आशीर्वाद है. कितना कुछ कहने को है पर कंठ (गला) अवरुक्त है. मैं अभी गर्भगृह में ऐश्वर्य चेतना का साक्षी बनकर सबके सामने उपस्थित हुआ हूं.

अब हमारे रामलला टेंट में नहीं रहेंगे. वह इस दिव्य मंदिर में रहेंगे. 22 जनवरी 2024 का यह सूर्य एक अद्भुत आभा लेकर आया है. आज की तारीख कैलेंडर पर लिखी डेट नहीं यह एक नए कालचक्र का उद्गम है.”
राम मंदिर ऊर्जा को जन्म दे रहा है।

जब भी उन्होंने इतिहास की गांठें सुलझाने का प्रयास किया तो मुश्किल परिस्थितियां बन गईं.हम जिस गांठ को भावुकता और समझदारी के साथ खोला है, वो बताता है कि भविष्य बहुत सुंदर होने जा रहा है. कुछ लोग कहते थे कि राम मंदिर बना तो आग लग जाएगी.राम मंदिर किसी आग को नहीं, ऊर्जा को जन्म दे रहा है।

ये समन्वय, उज्ज्वल भविष्य के पथ पर बढ़ने की प्रेरणा लेकर आया है.राम आग नहीं, ऊर्जा हैं. राम विवाद नहीं, राम समाधान हैं। राम सिर्फ हमारे नहीं, सबके हैं.राम वर्तमान नहीं, अनंत काल हैं. ये मंदिर महज देव मंदिर नहीं, भारत की दृष्टि-दर्शन का मंदिर है.राम भारत का विचार-विधान है।

राम भारत का चिंतन, चेतना, प्रवाह, प्रभाव, नेति, निरंतरता है.राम विश्व है, विश्वात्मा हैं. इसलिए जब राम की स्थापना होती है तो उसका प्रभाव हजारों वर्षों के लिए होता है.आज के युग की मांग है कि हमें अंत:करण को विस्तार देना होगा।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “मैं प्रभु राम से क्षमा भी मांगना चाहता हूं…हमारे त्याग और पुरुषार्थ में कुछ तो कमी रह गई जो हम इतनी सदियों तक यह काम कर नहीं पाए. आज वह कमी पूरी हो गई. मुझे विश्वास है कि प्रभु मुझे अवश्य माफ करेंगे।

वह आगे यह भी बोले कि जहां राम का काम होता है, वहां हनुमान भी होते हैं. यही वजह है कि मैं हनुमानगढ़ी को भी प्रणाम करता हूं. मैं उनके अलावा और देवताओं और अयोध्यापुरी और सरयू को भी प्रणाम करता हूं. मैं इस वक्त दैवीय अनुभव कर रहा हूं जिनके महान आशीर्वाद से यह काम पूरा हुआ है।
यह समय सामान्‍य नहीं।