बांध सुरक्षा पर जल शक्ति मंत्रालय का अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन जयपुर में संपन्न

बांध सुरक्षा पर जल शक्ति मंत्रालय का अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन जयपुर में संपन्न

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने बांधों के लिए आपातकालीन कार्य योजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए एक संयुक्त कार्य बल की स्थापना सहित प्रमुख कार्रवाई योग्य बिंदुओं पर सुझाव दिया। 

जल शक्ति मंत्रालय के जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय बांध सुरक्षा सम्मेलन (आईसीडीएस) जयपुर में राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर (आरआईसी) में संपन्न हुआ। इस सम्मेलन के समापन सत्र की अध्यक्षता केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने की। सभा को संबोधित करते हुए, केंद्रीय मंत्री ने बांध स्वास्थ्य और सुरक्षा के मुद्दे पर बल दिया, जिसका भविष्य में बांध प्रबंधन की एक महत्वपूर्ण विशेषता होने का अनुमान है। केंद्रीय मंत्री ने सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया और आशा व्यक्त किया कि आईसीडीएस 2023 के परिणाम बांध सुरक्षा और महत्वपूर्ण बांध अवसंरचना का लंबा जीवनकाल सुनिश्चित करने के लिए एक लंबा मार्ग तय करेंगे।

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (एनआईडीएम) के साथ बांधों के लिए आपातकालीन कार्य योजनाओं (ईएपी) को आगे बढ़ाने के लिए एक संयुक्त कार्य बल की स्थापना सहित प्रमुख कार्रवाई योग्य बिंदुओं पर सुझाव दिया, जिसमें बांध सुरक्षा समीक्षाओं के अनुसार निर्माण डिजाइन तैयार करने के दौरान सामने आने वाली कमियों का विश्लेषण करने के बाद एक सार-संग्रह का निर्माण; इसके कार्यान्वयन के लिए सम्मेलन के विचार-विमर्श और परिणामों को एकीकृत करने के लिए एक पूरी रणनीति तैयार करना आदि शामिल है।

केंद्रीय मंत्री ने विभिन्न बांध सुरक्षा घटनाओं और विफलताओं पर चर्चा करने के लिए कार्यशालाओं का आयोजन करने की भी सिफारिश की और इसके परिणामों को बांध के स्वामित्व वाली सभी एजेंसियों और अन्य संबंधित हितधारकों के बीच प्रसारित करने की बात की जिससे ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति से बचा जा सके।

 

दो दिवसीय सम्मेलन में विभिन्न तकनीकी सत्रों का आयोजन किया गया जिससे क्षेत्र के अग्रणी विशेषज्ञों और नेताओं को बांध सुरक्षा बढ़ाने की क्षमताओं को मजबूत करने में सक्षम बनाया जा सके। जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री आनंद मोहन ने सम्मेलन के परिणामों का सारांश व्यक्त किया और दो दिवसीय सम्मेलन के दौरान सत्रों से प्राप्त सिफारिशों को साझा किया।