कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए महाराष्ट्र ने कसी कमर

कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए महाराष्ट्र ने कसी कमर
फाइल

कोरोना के दूसरे लहर की सबसे ज्यादा मार झेलने वाले महाराष्ट्र ने पिछली बार से सीख ली है। अब महाराष्ट्र ने कोरोना के तीसरे लहर से निपटने की तैयारियां शुरू कर दी है। सरकार का अनुमान है कि कोरोना की तीसरी लहर आने पर राज्य में ऑक्सीजन की डिमांड बढ़कर 2300 मीट्रिक टन प्रतिदिन पहुंच सकती है। इस डिमांड को पूरा करने के लिए प्रतिदिन 3,000 मीट्रिक टन ऑक्सीजन उत्पादन के लक्ष्य पर काम शुरू कर दिया गया है।

मुख्यमंत्री कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक, महाराष्ट्र की इस वक्त की प्रतिदिन ऑक्सीजन प्रोडक्शन क्षमता 1300 मीट्रिक टन है। राज्य में ऑक्सीजन की मौजूदा डिमांड 1800 मीट्रिक टन प्रतिदिन है। राज्य सरकार का अनुमान है कि कोरोना की तीसरी लहर के समय प्रतिदिन ऑक्सीजन की डिमांड 1800 मीट्रिक टन से बढ़कर 2300 मीट्रिक टन हो सक्ती है।

ऑक्सीजन की इस मांग को पूरा करने के लिए ‘मिशन ऑक्सीजन स्वावलंबन’ के तहत उद्योग समूहों को विशेष प्रोत्साहन देने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए ऑक्सीजन के उत्पादन, स्टोरेज, क्रिटिकल गैप खोज कर कार्रवाई करने, ट्रांसपोर्ट की योजना बनाने समेत कई पहलुओं पर काम करने का फैसला लिया गया है।

महाराष्ट्र में हेल्थ कर्मियों, फ्रंटलाइन वर्कर्स, 45 साल से अधिक उम्र के लोगों और 18 साल से 44 वर्ष के लोगों को मिलाकर कुल 1.88 करोड़ लोगों का वैक्सीनेशन हुआ है। इसमें 36.55 लाख दूसरा डोज लेने वाले लोग भी शामिल हैं। महाराष्ट्र के बाद 1.45 करोड़ राजस्थान, 1.44 करोड़ गुजरात और 1.39 करोड़ लोगों को वैक्सीन उत्तर प्रदेश के लोगों को लगी है।

आपको बता दें कि विश्व स्तर पर कोरोना से मृत्युदर 2.08 फीसदी और भारत में यह 1.09 फीसदी है। जबकि महाराष्ट्र में मृत्युदर 1.49 फीसदी है। जो ठाकरे सरकार के लिए चिंता का विषय है। महाराष्ट्र के लिए एक और चिंता की बात यह है कि कोरोना की पहली लहर के वक्त राज्य में सर्वाधिक एक्टिव कोविड मरीज की संख्या 3.02 लाख थी जबकि दूसरी लहर के वक्त आज 12 मई को एक्टिव कोविड मरीज की संख्या 5.46 लाख है। इसमें से राज्य के 10 जिलों में अकेले 64.58 फीसदी एक्टिव मरीज हैं। यही वजह है कि ठाकरे सरकार ने तीसरी लहर से मुकाबले की तैयारी अभी से शुरू कर दी है।