कतर में फंसे भारतीय नौसेना के आठ पूर्व अफसरों को रिहाई, पीएम मोदी-अजित डोभाल की रणनीति आई काम

कतर में फंसे भारतीय नौसेना के आठ पूर्व अफसरों को रिहाई, पीएम मोदी-अजित डोभाल की रणनीति आई काम

उमाकांत त्रिपाठी। कतर में हिरासत में रखे गए भारतीय नौसेना के आठ पूर्व अफसरों को रिहा कर दिया गया है. इन आठ में से सात भारतीय वापस भारत भी लौट आए हैं. विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा, ‘आठ भारतीय नागरिकों की रिहाई का स्वागत किया जाता है जो दाहरा ग्लोबल कंपनी में काम कर रहे थे और कतर में हिरासत में थे. कतर में इन भारतीयों को अगस्त 2022 में हिरासत में लिया गया था. पिछले साल कतर की अदालत ने इन्हें जासूसी के मामले में दोषी ठहराते हुए फांसी की सजा सुनाई थी. हालांकि, बाद में इस सजा को कम कर दिया गया था. भारतीयों की रिहाई ऐसे वक्त हुई है, जब 14 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कतर की राजधानी दोहा जा रहे हैं. पीएम मोदी यूएई के दौरे के बाद कतर पहुंचेंगे.

8 पूर्व अफसर थे भारतीय
नौसेना के जिन 8 पूर्व अफसरों को कतर में हिरासत में रखा गया था, उनमें कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर पूर्णेंदू तिवारी, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता, कमांडर अमित नागपाल और सेलर रागेश हैं. इन सभी पूर्व अफसरों ने भारतीय नौसेना में 20 साल तक सेवा दी थी. नेवी में रहते हुए उनका कार्यकाल बेदाग रहा है और अहम पदों पर रहे हैं. कमांडर पुर्णेंदू तिवारी को 2019 में तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने प्रवासी भारतीय सम्मान से सम्मानित भी किया था. वहीं, कैप्टन नवतेज गिल को प्रेसिडेंट गोल्ड मेडल से नवाजा जा चुका है. अभी कमांडर पूर्णेंदू तिवारी को छोड़कर बाकी सभी पूर्व अफसर भारत लौट आए हैं. न्यूज एजेंसी पीटीआई ने बताया है कि वो फिलहाल दोहा में हैं और जल्द ही भारत लौटेंगे.

जमानत याचिका हुई थी खारिज
इन पूर्व अफसरों को अगस्त 2022 में गिरफ्तार किया गया था. लेकिन इसकी खबर 25 अक्टूबर को तब सामने आई थी, जब कमांडर पूर्णेंदू तिवारी की बहन मीतू भार्गव ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया. मीतू भार्गव ने एक्स पर पोस्ट कर बताया, भारतीय नौसेना के आठ पूर्व अफसर 57 दिन से कतर की राजधानी दोहा में गैर-कानूनी तरीके से हिरासत में हैं. फिर पिछले साल 1 मार्च को इनकी जमानत याचिकाएं खारिज हो गईं. 25 मार्च को आरोप तय हुए और 29 मार्च से मुकदमा शुरू हुआ. 26 अक्टूबर को कोर्ट ने इन सभी को फांसी की सजा सुनाई. कतर की जेल में बंद भारतीयों की रिहाई में विदेश मंत्री जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल की बड़ी भूमिका रही.