जल्द मंदिर में स्थापित होगी दर्पनीगढ़ से चोरी हुई कुलदेवी “कोटराक्ष” की मूर्ति, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने किया था प्रयास

जल्द मंदिर में स्थापित होगी दर्पनीगढ़ से चोरी हुई कुलदेवी “कोटराक्ष” की मूर्ति, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने किया था प्रयास

उमाकांत त्रिपाठी। ओडिशा के जसपुर जिले के दर्पनीगढ़ का एक मशहूर मंदिर है। हर साल लाखों लोग इस प्राचीन मंदिर में अपनी कामनाएं लेकर आते हैं। यहां विराजमान कुलदेवी माता कोटराक्षी की प्राचीन मूर्ति का खासा महत्व है। अचानक साल 2021 में ये सब बदल जाता है। इतने सुरक्षा इंतजाम के बावजूद शातिर चोर कुलदेवी माता कोटराक्षी की मूर्ति को चुराने में सफल हो जाते हैं और इस मूर्ति को तस्करों को बेच देते हैं। इसके बाद शुरू होता है, मूर्ति को वापस पाने और फिर से स्थापित करने की जद्दोजहद…! अब मूर्ति चोरों से कैसे बरामद होती है, और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का इस पूरे मामले में क्या रोल है, ये सब कुछ हम इस आर्टिकल में जानेंगे।

सरकार की सतर्कता से वापस आई 4 करोड़ की मूर्ति

तस्कर इस मूर्ति को लेकर दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचते हैं, लेकिन सितंबर 2022 में दिल्ली एयरपोर्ट पर कस्टम विभाग इसे जब्त कर लेता है। तस्कर इसे तस्कर हांगकांग ले जाने की फिराक में था। दरअसल तस्कर इसे चेकिंग बैग में ले जा रहा था तभी कस्टम विभाग की सतर्कता के कारण इसे विदेश में तस्करी होने से रोका जा सका। कस्टम विभाग ने इस मूर्ति के प्राचीन और धरोहर होने की पुष्टि के लिए आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया से संपर्क किया। फरवरी 2023 में ASI ने इसे धरोहर होने की प्रमाणिकता दे दी। कस्टम विभाग और आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया का दावा है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस मूर्ति की कीमत लगभग 4 करोड़ रुपये है। इस प्राचीन मूर्ति को लेकर कस्टम विभाग की सतर्कता ने विदेश जाने से बचा लिया। इससे पहले भी कई प्राचीन मूर्तियों को चुराकर विदेश बेचा जा चुका है।

धर्मेंद्र प्रधान का मूर्ति स्थापना में रहा अहम रोल

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस प्राचीन मूर्ति को उनके मंदिर में वापसी के लिए अपने स्तर पर कई कोशिश की। इस पूरे मामले में धर्मेंद्र प्रधान ने अपना बयान देते हुए कहा कि- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम अपने देश की धरोहर बचाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। प्रधान ने इस प्राचीन मूर्ति को उनके मंदिर में पुनर्स्थापित करने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी को पत्र भी लिखा था। जिसके बाद इस मूर्ति को केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की उपस्थिति में ओडिशा पुलिस को सौंपा गया। ओडिशा पुलिस इसे जल्द उनके मंदिर में स्थापित कर देगी। माना जा रहा है कि इस खास मौके पर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी मौजूद रहेंगे।