4 साल बाद भी नहीं मिला नागाडीह मॉब लिचिंग के पीड़ित परिवार को न्याय, नौकरी के लिए खा रहें दर-दर की ठोकरें

4 साल बाद भी नहीं मिला नागाडीह मॉब लिचिंग के पीड़ित परिवार को न्याय, नौकरी के लिए खा रहें दर-दर की ठोकरें

आज 18 मई 2017 को जमशेदपुर के बागबेड़ा में हुए मॉब लिंचिग की चौथी बरसी है। जिस दिन ग्रामीणों की भीड़ ने बच्चा चोर के नाम पर एक ही परिवार के तीन सदस्य राम सखी देवी, गौतम वर्मा एवं विकास वर्मा सहित बागबेड़ा गाढ़ाबासा निवासी गंगेश की पीट-पीटकर बेरहमी से हत्या कर दी थी। आज उसी की याद में मानिक चंद्र प्रसाद के जुगसलाई स्थित आवास पर मृतकों की चौथी पुण्य तिथि मनाई गई। जिसमें पीड़ित परिवार और समाज के अन्य लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित की।

मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि

आपको बता दें कि आज भी पीड़ित परिवार के लोग घटना की चर्चा करने से सीहर उठते हैं। विशेष कर घटना के प्रत्यक्षदर्शी उत्तम वर्मा जिनकी जान ईश्वर की कृपा से बच गई। परिवार इस सदमे से अभी तक नहीं उभर पाया है।

हत्या के आरोप में उत्तम वर्मा की शिकायत पर बागबेड़ा थाने में नागाडीह जगत मार्डी, मुखिया राजाराम हांसदा, विभीषण सरदार, बाबू सरदार, गणेश मंडल, सुनिल सरदार, सुभाष हांसदा, डॉक्टर मार्डी, गोपाल हांसदा, गुलाम सरदार, लेदरा मुर्मू, राजेश टुडू, शिबू, राहुल समेत 200 से 300 ग्रामीणों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था।

आज भी 5 से ज्यादा नामजद अभियुक्त फरार चल रहे हैं और पीड़ित परिवार को कथित नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा अपने निजी फायदे के लिए लगातार गुमराह करने का काम किया जा रहा है।

जिसके कारण आज भी वर्मा परिवार सीबीआई जांच, मुआवजा और परिवार के एक सदस्य के लिए सरकारी नौकरी को तरस रहा है। जिसका वादा तत्कालीन डीसी अमित कुमार ने घटना के तुरंत बाद सैकड़ों लोगों की उपस्थिति में किया था।

घटना के एकमात्र चश्मदीद और मृतकों के भाई उत्तम वर्मा का कहना है कि उन्हें कानून और न्यायालय पर आज भी भरोसा है और उनका परिवार अपने हक के लिए तब तक लड़ता रहेगा जब तक की सभी दोषियों को सजा नहीं मिल जाती।