पुतिन 5वीं बार रूस के राष्ट्रपति बने:88% वोट मिले, नाटो विवाद पर बोले- तीसरे विश्व युद्ध से एक कदम दूर; मोदी ने बधाई दी

पुतिन 5वीं बार रूस के राष्ट्रपति बने:88% वोट मिले, नाटो विवाद पर बोले- तीसरे विश्व युद्ध से एक कदम दूर; मोदी ने बधाई दी

खबर टीम इंडिया की। व्लादिमिर पुतिन लगातार 5वीं बार रूस के राष्ट्रपति बन गए हैं। 15-17 मार्च को हुई वोटिंग में पुतिन को 88% वोट मिले। उनके विरोधी निकोले खारितोनोव को 4% वोट मिले। व्लादिस्लाव दावानकोव और लियोनिद स्लटस्की तीसरे और चौथे नंबर पर रहे।

रिजल्ट घोषित होने के बाद पुतिन ने कहा- अब रूस और भी ज्यादा ताकतवर और प्रभावशाली बनेगा। उन्होंने रूस-नाटो विवाद को लेकर भी चर्चा की। कहा- अगर अमेरिकी नेतृत्व वाला सैन्य संगठन नाटो और रूस आमने-सामने हुए तो दुनिया तीसरे विश्व युद्ध से एक कदम दूर होगी। मुझे नहीं लगता की कोई भी ऐसा कुछ चाहेगा।

पुतिन की जीत पर प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें सोशल मीडिया के जरिए बधाई दी। कहा- इस चुनावी जीत पर बधाई। दोनों देशों की दोस्ती आजमाई हुई है। हम इसे और मजबूत करने के लिए काम करेंगे।

पहली बार 2000 में रूस के राष्ट्रपति बने
पुतिन पहली बार साल 2000 में रूस के राष्ट्रपति बने थे। वो 2008 तक इस पद पर रहे। 2012 में तत्कालीन राष्ट्रपति मेदवेदेव ने अपनी पार्टी से पुतिन को एक बार फिर प्रेसिडेंट कैंडिडेट के लिए नॉमिनेट करने को कहा। इसके बाद 2012 के चुनाव में पुतिन ने जीत हासिल की और वो सत्ता में लौट आए। तब से अब तक वो राष्ट्रपति पद पर हैं।

2036 तक रूस के राष्ट्रपति रह सकते हैं पुतिन
रूसी संविधान में लिखा है कि कोई भी व्यक्ति लगातार दो बार से ज्यादा राष्ट्रपति नहीं बन सकता है। इसके चलते 8 मई 2008 को पुतिन ने अपने पीएम दिमित्री मेदवेदेव को रूस का राष्ट्रपति बनवाया और खुद पीएम बन गए। नवंबर 2008 में दिमित्री ने संविधान संशोधन कर राष्ट्रपति का कार्यकाल 4 से बढ़ाकर 6 साल कर दिया।

इसके बाद 2012 में पुतिन फिर से रूस के राष्ट्रपति बन गए। उन्होंने लगातार राष्ट्रवाद को पुश किया और देश की जनता को सोवियत यूनियन वाला रसूख वापस दिलाने के सपने दिखाए। 2014 में पुतिन ने क्रीमिया पर हमला करके उस पर कब्जा कर लिया।