चढ़ा दी खुद की बलि, बोला- खुश होंगे भगवान

चढ़ा दी खुद की बलि, बोला- खुश होंगे भगवान
फाइल

थाईलैंड से एक दिल दहला देने वाली खबर आई है। जहां एक बौद्ध भिक्षु ने भगवान बुद्ध को खुश करने के लिए खुद अपनी ही बलि चढ़ा दी। उसने तलवार से अपना सिर काटकर महात्मा बुद्ध को अर्पित कर दिया। उसे लगने लगा था कि वह पुनर्जन्म के बाद दोबारा जन्म लेगा।

मृतक की पहचान 68 साल के थम्मकॉर्न वांगप्रेचा के रूप में हुई है। जिसके बारे में स्थानीय लोगों ने बताया कि यह भिक्षु पिछले 5 साल से अधिक समय से त्याग को लेकर विचित्र अनुष्ठान की योजना बना रहे थे।

वहां की पुलिस ने बताया कि 15 अप्रैल को उत्तर-पूर्वी थाईलैंड में नोंग बुआ लाम्फू प्रांत के वाट फु हिन मंदिर में एक भिक्षु के मौत की खबर मिली थी। भिक्षु के भतीजे बूनचर्ड बूनरोड ने शव की खोज की। साथ ही बताया कि उसके चाचा ने एक संगमरमर पर अपनी पूरी योजनाओं के बारे में लिख रखा था।

उसके अनुसार संगमरमर पर थम्मकॉर्न वांगप्रेचा ने लिखा था कि अपने सिर को काटना बुद्ध को खुश करने का एक तरीका है।

थम्मकॉर्न वांगप्रेचा का ऐसा मानना था कि भगवान को अपना शरीर अर्पण करने से उसे सौभाग्य प्राप्त होगा। इस विश्वास को बौद्ध धर्म में मेकिंग मैरिट्स के नाम से जाना जाता है। वह  पिछले 5 साल से इसकी योजना बना रहे थे। भतीजे ने कहा कि उनकी इच्छा अपने सिर और अपनी आत्मा को अर्पित करने की थी ताकि प्रभु उन्हें अगले जन्म में उच्च आध्यात्मिक होने के नाते पुनर्जन्म में मदद कर सकें।


इस भिक्षु ने बुद्ध की मूर्ति के ठीक सामने एक धारदार तलवार से अपने सिर को काट लिया। इस तलवार को ऐसे जगह पर सेट किया जिससे कटा हुआ गर्दन सीधे बुद्ध के चरणों में गिरे। इस मंदिर में 11 साल तक सेवा करने वाले इस भिक्षु ने कभी भी अपने साथी पुजारियों से इस तलवार के बारे में कुछ नहीं बताया था।

वे हमेशा कहा करते थे कि मैं भिक्षुणी को छोड़ दूंगा, लेकिन तलवार के बारे में कुछ नहीं बताउंगा।सूचना मिलते ही पुलिस ने भिक्षु के शव को अपने कब्जे में ले लिया और पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। पुलिस चाहती थी कि परिवार को शव सौंपने से पहले मौत के असली कारणों का पता लगाया जा सके। भिक्षु की मृत्यु के बाद 300 से अधिक स्थानीय भक्त उनके शरीर का अंतिम संस्कार करने के लिए मंदिर पहुंचे। भिक्षु का शव एक ताबूत के अंदर रखा गया था, जबकि उसके सिर को उसके अनुयायियों और परिवार के सदस्यों के सामने एक जार में रखा गया था।