ऑस्ट्रेलिया ने पहले दिन 4 विकेट खोकर 255 रन बनाए

ऑस्ट्रेलिया ने पहले दिन 4 विकेट खोकर 255 रन बनाए

इंदौर टेस्ट के बाद अहमदाबाद टेस्ट में भी ऑस्ट्रेलिया का टॉस जीतना भारत के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहा है। दिन के अंतिम 10 ओवरों में नई गेंद से 56 रन जोड़ते हुए चौथे टेस्ट की पहली पारी में ऑस्ट्रेलिया ने 4 विकेट खोकर 255 रन बना लिए हैं। उस्मान ख्वाजा नाबाद शतक बनाकर बल्लेबाजी कर रहे हैं। दिन का खेल खत्म होने तक ख्वाजा ने 104* और ग्रीन ने 49* रन बना लिए थे। टीम इंडिया की तरफ से मोहम्मद शमी ने 17 ओवरों में 65 रन देकर सबसे ज्यादा 2 विकेट हासिल किए। अश्विन और जडेजा के हिस्से 1-1 सफलता आई। पिच के लिहाज से देखें, तो ऑस्ट्रेलिया फिलहाल इस मुकाबले में थोड़ा आगे दिखाई पड़ता है। अगर भारत को वापसी करनी है, तो दूसरे दिन कंगारुओं को जल्द से जल्द समेटना होगा। फिर पहली पारी के आधार पर बढ़त हासिल करने के लिए अच्छी बल्लेबाजी करनी होगी।

मैच के दौरान एक सवाल यह भी उठा कि क्या भारत की दूसरी नई गेंद लेने की टाइमिंग खराब थी। भारत ने 81वें ओवर में नई गेंद ली। इसका ऑस्ट्रेलिया ने फायदा उठाया और आखिरी घंटे में काफी रन जुटाए। टीम इंडिया के बॉलिंग कोच पारस म्हाम्ब्रे ने डे वन के बाद माना कि अहमदाबाद के धीमे विकेट पर पुरानी एसजी गेंद से रन बनाना आसान नहीं था। लेकिन उन्होंने कप्तान रोहित शर्मा के 81वें ओवर में नई गेंद लेने के फैसले का बचाव किया। उन्होंने दिन के खेल के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘नई गेंद बल्लेबाजों के पास आसानी से जा रही थी और इससे रन बनाना आसान हो गया। लेकिन रोहित को लगा होगा कि इस विकेट पर कुछ हो नहीं रहा है, इसलिए कम से कम स्पिनर्स को नई गेंद से मदद मिलेगी।अगर हमें दो विकेट मिल गए होते तो अभी अलग तरह से बात हो रही होती। ऐसा होता है।

पारस म्हाम्ब्रे ने कहा कि भारतीय गेंदबाजों ने दिन के आखिरी 10 ओवर्स में काफी ज्यादा रन दिए। उन्होंने कहा, पहले सेशन में उन्होंने अच्छी बैटिंग की। शुरुआत में रन लीक हुए और दूसरा सेशन हमारे लिए ठीक रहा लेकिन गेंद पुरानी होने के बाद रन बनाना मुश्किल हो गया और आखिरी सेशन मुश्किल था। हमने आखिरी 10 ओवर में 56 रन दिए और मुझे लगता है कि वहां से खेल हमारे लिए फिसल गया। दिन के आखिर में अगर स्कोर चार विकेट पर 220 रन होता तो ठीक रहता। टीम इंडिया के बॉलिंग कोच ने मोटेरा के विकेट को बल्लेबाजों के मददगार माना मगर उम्मीद जताई कि तीसरे दिन से स्पिनर्स को मदद मिलने लग जाएगी। उन्होंने कहा, ‘यह बैटिंग विकेट लग रहा है। हमें इसकी उम्मीद थी। दूसरे दिन के तीसरे सेशन से टर्न मिलने लगेगा। आपने देखा होगा कि कुछ गेंदों ने आज टर्न लिया लेकिन जैसा पहले हुआ उसकी तुलना में आज कुछ नहीं था। तीसरे दिन से गेंद टर्न हो सकती है।

अब देखिए पहले दिन का पूरा सूरत-ए-हाल। भारत और ऑस्ट्रेलिया के राजनयिक संबंधों के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर बॉर्डर-गावस्कर टेस्ट सीरीज का चौथा मुकाबला शुरू हुआ। पीएम नरेंद्र मोदी और ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी एल्बेनीज ने दोनों टीमों के खिलाड़ियों का परिचय प्राप्त किया। मोटेरा, अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में स्टीव स्मिथ ने तीसरे टेस्ट की ही तरह फिर से एक दफा टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला कर लिया। तमाम क्रिकेट फैंस की उम्मीदों को तोड़ते हुए इंडियन टीम मैनेजमेंट ने केएस भारत की जगह ईशान किशन और श्रेयस अय्यर की जगह सूर्यकुमार यादव को मौका नहीं दिया। बदलाव के तौर पर सिर्फ मोहम्मद सिराज को रेस्ट देते हुए मोहम्मद शमी को टीम इंडिया की प्लेइंग XI में शामिल किया गया। शुरुआती लम्हों में मोहम्मद शमी और उमेश यादव को विकेट से गजब की स्विंग मिली। पर यह स्विंग दोनों ही गेंदबाजों के काबू से बाहर थी। मतलब यह कि गेंद हरकत जरूर कर रही थी, लेकिन उस इलाके में नहीं जहां गेंदबाज चाहते हों।

इंदौर में खेले गए तीसरे टेस्ट में भी विकेटकीपर केएस भरत ने बाई के तौर पर कुछ चौके दिए थे। अहमदाबाद टेस्ट के पहले ओवर की तीसरी गेंद पर ही भरत अपनी बाईं तरफ डाइव नहीं लगा सके और गेंद बाई के तौर पर 4 रनों के लिए सीमा रेखा पार चली गई। बाई के अलावा उमेश यादव के छठे ओवर की पांचवीं गेंद आउटसाइड ऑफ थी। ट्रेविस हेड के बल्ले का किनारा सीधा विकेटकीपर के दस्तानों में गया लेकिन कैच ड्रॉप हो गया। नतीजा यह हुआ कि कंगारू ओपनर्स ने सीरीज की अपनी सबसे बड़ी 61 रनों की सलामी साझेदारी बना दी। हालांकि इसके बाद अश्विन के 16वें ओवर की तीसरी गेंद पर ट्रेविस हेड डाउन द विकेट आकर मिड ऑन क्लियर नहीं कर सके और रवींद्र जडेजा को कैच दे बैठे। हेड के खाते में 7 चौकों की मदद से 32 रन आए।

मोहम्मद शमी के 23वें ओवर की दूसरी गेंद बैक ऑफ लेंथ थी। मारनस लैबुशेन इसे ऑफ साइड की दिशा में पंच करना चाह रहे थे। बल्ले का मोटा किनारा विकेट पर जा लगा और लौबुशेन 20 गेंद पर 3 रन बनाकर बोल्ड हो गए। 72 के स्कोर पर कंगारू टीम को दूसरा झटका लगा। इसके बाद सलामी बल्लेबाज उस्मान ख्वाजा और कप्तान स्टीव स्मिथ की जोड़ी बीच मैदान जम गई। दोनों ने मिलकर 79 रनों की साझेदारी बनाई। इसी बीच शमी के 49वें ओवर की तीसरी गेंद को हल्के हाथों से सेकंड स्लिप की दिशा में खेलकर चौका हासिल करते हुए उस्मान ख्वाजा ने अपना 22वां और इस सीरीज का तीसरा टेस्ट अर्धशतक पूरा कर लिया। दोनों ही बल्लेबाज तेज गेंदबाजों के खिलाफ खुलकर रन बना पा रहे थे लेकिन स्मिथ जडेजा के सामने कुछ फंसे हुए से नजर आ रहे थे।

रवींद्र जडेजा के 64वें ओवर की चौथी गेंद फ्लैटर डिलीवरी आउटसाइड ऑफ थी। स्मिथ ने इसे स्टीयर करने का प्रयास किया, लेकिन गेंद सीधी रही और बल्ले का किनारा लेकर पैड से टकराते हुए विकेट पर जा लगी। इसी के साथ कंगारू कप्तान की 135 गेंदों पर 3 चौकों की मदद से 38 रनों की मैराथन पारी समाप्त हो गई। रही सही कसर 71वें ओवर की चौथी गेंद पर मोहम्मद शमी ने पूरी कर दी। गुड लेंथ गेंद को बैकफुट से डिफेंड करने की कोशिश कर रहे हैंड्सकम्ब ने लाइन मिस की और ऑफ स्टंप हवा में उड़ गया। हैंड्सकम्ब के खाते में आए 17 और ऑस्ट्रेलिया को 170 के स्कोर पर चौथा झटका लग गया। बगैर किसी नुकसान के 61 रन बनाने वाली टीम 170 तक 4 विकेट गंवा चुकी थी।

विकेट की बात करें, तो यह पहले 3 टेस्ट मैचों की तरह स्पिनर्स के लिए शुरुआती दिन से ही मददगार नजर नहीं आ रहा है। यहां पहले 2 दिन बल्लेबाजों के लिए आसानी होने की संभावना है। उसके बाद स्पिनर्स के लिए मदद मिलनी शुरू हो जाएगी। ऐसे में अगर टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया की टीम को पहली इनिंग में जल्दी आउट कर लेती है, तो वह बढ़त हासिल करने की कोशिश करेगी। चूंकि चौथी पारी में भारतीय टीम को बल्लेबाजी करनी होगी, ऐसे में ऑस्ट्रेलियाई स्पिनर्स नाथन लियोन, कुहनीमन और मर्फी की भूमिका अहम होगी। सूर्यकुमार यादव और ईशान किशन को प्लेइंग XI में शामिल ना करने के पीछे तर्क दिया जा रहा है कि मैनेजमेंट हर खिलाड़ी को पूरी सीरीज परखना चाहता है। सीरीज भर किए गए प्रदर्शन के आधार पर ही मैनेजमेंट बदलाव का निर्णय लेना चाहता है। सूर्यकुमार यादव ने चोटिल श्रेयस की जगह टेस्ट डेब्यू किया था, इसलिए वह सिर्फ पहले टेस्ट मैच में नजर आए। ईशान किशन पर टीम मैनेजमेंट टेस्ट विकेटकीपिंग को लेकर भरोसा नहीं कर सका।