विराट के बल्ले ने आग उगला, बाबा महाकाल के आशीर्वाद से आया शतक

विराट के बल्ले ने आग उगला, बाबा महाकाल के आशीर्वाद से आया शतक

सगाई के दौरान विराट कोहली को अनुष्का ने जो अंगूठी पहनाई थी, वह लॉकेट के तौर पर जमाने के सामने तभी आती है जब विराट शतक लगाता है। टेस्ट क्रिकेट की जर्सी में लॉकेट को देखे हुए 1207 दिन गुजर चुके थे। तमाम क्रिकेट फैंस यह लम्हा देखने के लिए बेताब हुए जा रहे थे। ऐसे में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इतिहास रच दिया गया। इंटरनेशनल करियर का 75वां शतक। मतलब 100 शब्दों से 25 कम। 25 कदम चलकर विराट क्रिकेट इतिहास के सर्वकालिक महान बल्लेबाज बन जाएंगे। अगर टेस्ट प्लेयिंग नेशंस की बात करें, तो विराट ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ सबसे बड़ी 254* रनों की पारी खेली थी। श्रीलंका के खिलाफ 243, इंग्लैंड के विरुद्ध 235, न्यूजीलैंड के सामने 211, बांग्लादेश के खिलाफ 204 और विंडीज के खिलाफ 200…! ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अगर विराट 186 को दोहरे शतक में तब्दील कर पाते, तो 7 अलग-अलग देशों के खिलाफ टेस्ट डबल हंड्रेड बनाने वाले पहले बल्लेबाज बन जाते।

पर क्रिकेट फैंस के लिए ये 186 रन किसी दोहरे शतक से कम नहीं हैं। जहां तक बात रही इस रिकॉर्ड की, जल्दी ही किंग इसे अपने नाम कर लेगा। बुखार से तपते शरीर मे 364 गेंदों पर 186 रनों की ऐतिहासिक पारी। इस दौरान 241 गेंदें खेलकर सेंचुरी पूरी करने के दौरान सिर्फ 5 चौके..! मुश्किल हालात में दमदार शतक। विराट को पता था कि श्रेयस अय्यर चोटिल हैं। ऐसे में अगर विराट बड़ा शॉट खेलते हुए अपना विकेट गंवा देते, तो टीम इंडिया बड़ी मुश्किल में फंस सकती थी। यहां से दुनिया ने एक अलग विराट कोहली देखा। एक ऐसा विराट जिसने देश के लिए अपना विकेट सुरक्षित रखा। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली 104 पारियों में विराट कोहली के नाम 16 शतक और 23 अर्धशतक हो गए हैं।

टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में पहली दफा भारत के शुरुआती 6 खिलाड़ियों के बीच 50 से ज्यादा रनों की साझेदारी हुई। 74 के स्कोर पर रोहित शर्मा के आउट होने के बाद 187 के स्कोर पर चेतेश्वर पुजारा ने भी टीम इंडिया का साथ छोड़ दिया। तब विराट ने पहले गिल के साथ 57, फिर रवींद्र जडेजा के साथ 64 और उसके बाद केएस भरत के साथ 84 रन की साझेदारी बनाई। इस बीच 241 गेंदें खेलकर अपना 28वां टेस्ट शतक पूरा कर लिया। क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में ये विराट का 75वां शतक है।

विराट ने 41 टेस्ट पारियों के बाद ये शतक जड़ा है। शतक के लिए इससे लंबा गैप उनके टेस्ट करियर में पहले कभी नहीं आया था। यह पारी किंग कोहली के डिटरमिनेशन को दिखाती है। भारत के लिए सबसे ज्यादा टेस्ट शतक की बात करें तो सचिन तेंदुलकर ने 200 मैच खेलकर 51 शतक लगाए। उनके बाद राहुल द्रविड़ ने 163 मैच 36 शतक बनाए। लिटिल मास्टर के नाम से फेमस सुनील गावस्कर ने 125 मैच खेल कर 34 शतक पूरे किए। विराट कोहली ने इन सबसे कम 108 टेस्ट मैच खेल कर 28 शतक पूरे कर लिए हैं। उम्मीद है कि शतकों का सिलसिला बिल्कुल नहीं रुकेगा। विराट के बल्ले से इंटरनेशनल क्रिकेट में 100 शतक जरूर बनेगा।

टेस्ट क्रिकेट में विराट ने इससे पहले नवंबर 2019 में बांग्लादेश के खिलाफ शतक जड़ा था। यानी टेस्ट क्रिकेट में लगभग साढ़े तीन साल के गैप के बाद विराट के बल्ले से सेंचुरी आई है। इंतजार लंबा जरूर था, लेकिन अब शतकों का दौर आया है। अपना ताज वापस लेने वर्ल्ड क्रिकेट का सिरमौर आया है। विराट ने एक छोर टिक कर यह पारी खेली और शतक पूरा करने में सिर्फ 5 चौके लगाए। विराट चाहते तो चौकों की बौछार लगा सकते थे, लेकिन वह एक भी गलत शॉट खेलकर टीम को संकट में नहीं डालना चाहते थे। ये उनका दूसरे सबसे धीमा शतक है। इससे पहले उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ 2012 में 289 बॉल खेलकर शतक पूरा किया था।