केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और राष्ट्रपति द्रौपदि मूर्मु ने की लाल बहादुर शास्त्री यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में शिरकत

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और राष्ट्रपति द्रौपदि मूर्मु ने की लाल बहादुर शास्त्री यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में शिरकत

उमाकांत त्रिपाठी। दिल्ली के लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय में आज पहला दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया। जिसमें केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और राष्ट्रपति द्रौपदि मूर्मु ने भी शिरकत की। विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. हरि गौतम ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।

विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विशिष्ट अतिथि केंद्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि सभ्यता की सबसे पुरानी ग्रंथ वेद है. वेद संस्कृत में ही लिखी गई थी। वेद सिर्फ एक ग्रंथ नहीं है, सर्व विद्या की एक महाग्रंथ है और उन सारे विषयों को आज के समय में सर्व जन विदित करने के लिए माध्यम संस्कृत भाषा है। वहीं आज हमारे समाज में वेद पूजा पाठ की एक प्रति बन गई है। उस ज्ञान को पहुंचाने के लिए संस्कृत विश्व विद्यालयों की जरूरत है।

आपको बता दें कि यूनिवर्सिटी को केन्द्रीय विश्वविद्यालय के रूप में मान्यता मिलने के बाद पहली बार दीक्षान्त समारोह का आयोजन किया गय। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने SLBS राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को सम्मानित करते हुए अपनी शुभकामना भी दी।

इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने भी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि- की संस्कृत व्याकरण अप्रतिम प्रतिभा की उपलब्धि है, इस पर हमें गर्व होना चाहिए। वहीं उन्होंने संस्कृत भाषा की गहनता पर भी प्रकाश डाला।