उमाकांत त्रिपाठी। राजस्थान में विधानसभा चुनाव अब बेहद ही निर्णायक मोड पर पहुंच रहा है। राज्य में 25 नवंबर को प्रदेश की 199 सीटों पर वोटिंग होगी और 3 दिसंबर को नतीजे आएंगे। लेकिन उसे ठीक पहले जनता का मन बदलने के लिए नेताओं की टोली शहर-शहर सभा और रैली कर रही है। इसी क्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज राजस्थान के पीलीबंगा पहुंचे। पीएम ने कांग्रेस पर तुष्टिकरण, महिला अत्याचार और लाल डायरी जैसे मुद्दों पर तीखा हमला बोला। राजस्थान में महिला अत्याचार बढ़ा है और यहां के मुख्यमंत्री सर्टिफिकेट देते हैं कि वे फर्जी शिकायत दर्ज करवाती हैं। यह महिलाओं का अपमान है। नशे की तस्करी को कांग्रेस बढ़ावा दे रही है। हम तस्करों पर ऐसी कार्रवाई करेंगे कि लोग देखकर कांप जाएंगे। राजस्थान की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उसके लिए भ्रष्टाचार से बड़ा कुछ नहीं है और वह दलितों के खिलाफ अत्याचार करने वालों को देखकर आंखों पर पट्टी बांध लेती है।
अबकी बार राजस्थान में बीजेपी की सरकार
राजस्थान में बीजेपी की सरकार बनने जा रही है। उन्होंने हनुमानगढ़ के स्थानीय मुद्दों को उठाते हुए कहा कि बीजेपी की सरकार बनने पर तस्करों पर कार्रवाई होगी। कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में जलजीवन मिशन में करोड़ों रुपए का घोटाला हुआ है। गरीबों को लूटने वाले सलाखों के पीछे होंगे। राजस्थान के पालीबंगा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावी सभा को संबोधित कर कहा कि 2014 के पहले भी हमारे यहां पद्म पुरस्कार दिए जाते थे। कोई पद्म भूषण, पद्म श्री, कोई पद्म विभूषण। लेकिन तब ये पद्म सम्मान उनको मिलते थे। जिनकी सत्ता में बैठे हुए लोगों तक उनकी पहुंच थी। आज स्थिति बदल गई है। गरीब से गरीब सही मायने में गांव-देहात में, जंगलों में मानव जाति के लिए, समाज के कल्याण के लिए समर्पित भाव से काम करता है। ऐसे लोगों को पद्म सम्मान मिलता है।
कोरोना काल में सोता नहीं था- पीएम मोदी
पीलीबंगा ने मोदी ने कहा कि जहां एक तरफ आपके इस सेवक का सेवाभाव है और दूसरी तरफ राजस्थान में कांग्रेस सरकार का लूट तंत्र है। पीएम ने कहा कि कोरोना काल में जो हुआ सबने देखा किस तरह से हमारे ऊपर मौत मंडरा रही थी लेकिन मैं सोता नहीं था और मैंने उसी समय तय किया था कि मैं 80 करोड़ देशवासियों के घर का चूल्हा किसी भी हाल में बुझने नहीं दूंगा। 2014 से पहले ईमानदारी से टैक्स भरने वालों का पैसा घोटालों में लूट लिया जाता था और गरीब मध्यम वर्ग के हाथ कुछ भी नहीं लगता था. यहां राजस्थान में बीते 5 वर्षों में जो हुआ है, इसकी पूरी कथा लाल डायरी में लिखी है. डायरी लाल है, कारनामे काले हैं। शहरों में रेहड़ी वाले, ठेले वाले, पटरी पर काम करने वाले, जो सब्जी बेचते हैं, फल-फूल बेचते हैं, दूध बेचते हैं, अखबार बेचते हैं। वे भी छोटे-छोटे लोग स्वाभिमान के साथ जिएं, ऐसे मेहनतकश साथियों के बारे में पहले सरकारों को सोचने की फुरसत ही नहीं थी। हमारी सरकार ने इन सभी लोगों को स्वाभिमान से जीने का हक दिया है।