मत्स्य पालन क्षेत्र में होगी क्रांति, पीएम मोदी ने योजनाओं को लेकर बुलाई बड़ी बैठक, अफसरों को दिए ये निर्देश

मत्स्य पालन क्षेत्र में होगी क्रांति, पीएम मोदी ने योजनाओं को लेकर बुलाई बड़ी बैठक, अफसरों को दिए ये निर्देश

उमाकांत त्रिपाठी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मत्स्य पालन क्षेत्र की प्रगति और भविष्य की योजनाओं की समीक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक का उद्देश्य गहरे समुद्र में मछली पकड़ने और समुद्री खाद्य निर्यात पर ध्यान केंद्रित करते हुए मत्स्य पालन क्षेत्र को आगे बढ़ाना है।

मत्स्य पालन क्षेत्र की क्षमता
भारत के पास समुद्री मत्स्य पालन क्षेत्र में 5.31 मिलियन टन की क्षमता है। तटीय राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में करीब 3,477 तटीय मछली पकड़ने वाले गांव हैं, जो देश के कुल मछली उत्पादन का 72% उत्पादन करते हैं।

केंद्र सरकार की पहल
मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने हाल ही में मुंबई में 255 करोड़ रुपये की मत्स्य पालन परियोजनाओं का उद्घाटन किया। मंत्रालय ने कई प्रमुख पहलों की शुरुआत की है, जिसमें मैरिन फिशरिज सेनसस ऑपरेशंस, टरटल एक्सक्लूडर डिवाइस प्रोजेक्ट और वेसल कम्युनिकेशन एंड सपोर्ट सिस्टम के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर शामिल हैं।

मत्स्य पालन क्षेत्र का महत्व
मत्स्य पालन क्षेत्र ग्रामीण आजीविका और देश की राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। केंद्र सरकार मत्स्य पालन क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।

ग्रामीण आजीविका के लिए मत्स्य पालन बेहद अहम
ये प्रोजेक्टस भारत के तटीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मत्स्य पालन क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. देश में मत्स्य पालन क्षेत्र ग्रामीण आजीविका के मामले में और देश की राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के मामले में योगदान के अपने लिहाज से अहम भूमिका निभाता है।