उमाकांत त्रिपाठी। 26वीं पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक पटना में हुई। इस बैठक में चार राज्यों ने भाग लिया और बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने की। बिहार के मुख्यमंत्री सीएम नीतीश कुमार ने अमित शाह का गर्मजोशी से स्वागत किया। 26वीं पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की ये बैठक मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद भवन में हुई। सीएम नीतीश कुमार ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को गुलदस्ता भेंट की। शॉल के साथ स्मृति चिह्न भी दिया। इस बैठक में बंगाल, ओडिशा और झारखंड के सीएम को भी आना था लेकिन नहीं आ सके। करीब 15 महीने के बाद सीएम नीतीश कुमार और अमित शाह एक मंच पर आमने-सामने हुए हैं। बैठक के बाद एक घंटे का हाई टी का आयोजन शुरू हुआ।
बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि बिहार के 10 जिलों के प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंकेक्षण में महालेखाकार बिहार ने बड़े पैमाने पर गड़बड़ी उजागर का खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि योजना के लिए जो अयोग्य हैं उन्हें भी भुगतान कर दिया गया है। जो लाभार्थी अस्तित्व में भी नहीं है उन्हें भी पूर्ण भुगतान कर दिया गया है। लगभग तीन घंटे तक चली बैठक को संबोधित करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि क्षेत्रीय परिषदों की बैठकों में 1,157 मुद्दों का समाधान किया गया है। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय परिषद की बैठकों में राजनीतिक मामलों पर मतभेद से बचना चाहिए और उदार तरीके से मामलों को सुलझाने का प्रयास करना चाहिए।
आपको बता दें कि 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी के खिलाफ इंडी गठबंधन बना है। विपक्षी दलों की एकजुटता के लिए सीएम नीतीश कुमार ने ही अगुवाई की थी। इसकी पहली बैठक पटना में हुई थी, एनडीए से अलग होने के बाद सीएम नीतीश कुमार और अमित शाह की ये पहली मुलाकात है। सीएम नीतीश कुमार पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की 26वीं बैठक के उपाध्यक्ष हैं। सीएम नीतीश कुमार के अलावा झारखंड के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव इस बैठक में शामिल हुए। पश्चिम बंगाल की वित्त राज्यमंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य इस बैठक का हिस्सा बनीं। ओडिशा के वित्त मंत्री प्रदीप कुमार आम्त व गृह राज्यमंत्री तुषार कांति बेहरा बैठक में शामिल हुए।
सुशील मोदी ने कहा कि महालेखाकार की अंकेक्षण टीम ने यह भी पाया कि मकानों के लोकेशन का अव्यवहारिक जीरो टैगिंग, गलत खाते में किस्तों का भुगतान जैसी अनियमितता के अनेक मामले पाए गए हैं। बिहार सरकार ने भी अनियमितता को स्वीकार किया है। इस दौरान हालांकि, क्षेत्रीय परिषद की बैठकों की भूमिका सलाहकारी होती है लेकिन केंद्रीय गृह मंत्री के रूप में अपने साढ़े चार साल के अनुभव के आधार पर मैं कह सकता हूं कि परिषद और उसकी स्थायी समिति की बैठकों को महत्व देकर हमने कई मुद्दों का समाधान किया है।