ड्रोन देखकर हर कोई रोमांचित हो उठता है, लेकिन इसे उड़ाने को लेकर भारत में बड़े ही सख्त नियम हैं. लेकिन अगर आप ड्रोन उड़ाने के शौकीम हैं तो अब आपके लिए खुशी की खबर है। आपकी ये सारी चिंताएं सरकार ने ड्रोन उड़ाने से जुड़े उदार और आसान नियम बनाकर दूर कर दी है।
सरकार के नए दिशानिर्देश के अनुसार नॉन कमर्शियल यूज वाले नैनो ड्रोन और माइक्रो ड्रोन के लिए पायलट लाइसेंस की जरूरत नहीं होगी। 250 ग्राम या कम वजन के ड्रोन नैनो होते हैं और 2 किलो तक के माइक्रो की गिनती में आते हैं।
सभी ड्रोन का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म पर होगा। ड्रोन के ट्रांसफर और डीरजिस्ट्रेशन का प्रोसेस आसान हुआ।
पहले ड्रोन के लिए कई तरह के अप्रूवल लेने पड़ते थे, वे अब जरूरी नहीं होंगे। जैसे कि- यूनीक ऑथराइजेशन नंबर, मेंटेनेंस सर्टिफिकेट, ऑपरेटर परमिट, स्टूडेंट रिमोट पायलट लाइसेंस, उसके कंपोनेंट के इंपोर्ट की इजाजत।
रजिस्ट्रेशन या लाइसेंस लेने के लिए सिक्योरिटी क्लीयरेंस लेने की जरूरत नहीं होगी। रिमोट पायलट लाइसेंस 10 साल तक वैलिड रहेगा और फीस 3000 रुपए के बजाय 100 रुपए होगी। जरूरी फॉर्म्स की संख्या 25 से घटाकर 5 कर दी गई है। 72 तरह की फीस अब सिर्फ 4 तक सिमट गई है। फीस मामूली होगी और वह ड्रोन के साइज से जुड़ी नहीं होगी।
डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म पर ग्रीन, येलो और रेड जोन का इंटरैक्टिव एयरस्पेस मैप होगा। येलो जोन यानी एयरपोर्ट के करीब 12 किलोमीटर के दायरे के बाहर ड्रोन उड़ाया जा सकेगा। पहले यह दायरा 45 किलोमीटर था।
ग्रीन जोन और एयरपोर्ट से 8-12 के दायरे में 200 फुट ऊपर तक ड्रोन उड़ाने के लिए किसी इजाजत की जरूरत नहीं होगी। ड्रोन रूल्स टूटने पर अधिकतम जुर्माना एक लाख रुपए तक होगा, लेकिन दूसरे रूल्स अपनी जगह होंगे।