डॉ. मनसुख मांडविया हैदराबाद में एक चिंतन शिविर को संबोधित करेंगे

डॉ. मनसुख मांडविया हैदराबाद में एक चिंतन शिविर को संबोधित करेंगे

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय 26 व 27 फरवरी 2023 को हैदराबाद में “औषधि: गुणवत्ता विनियमन और प्रवर्तन” पर दो दिवसीय “चिंतन शिविर” का आयोजन कर रहा है। इसकी अध्यक्षता केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण व रसायन और उर्वरक मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया करेंगे। वहीं, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार, रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री डॉ. भगवंत खुबा और नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी.के. पाल भी इसकी गरिमा बढ़ाएंगे। इसके अलावा इस दो दिवसीय विचार संगोष्ठी में राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण, एनपीपीए, सीडीएससीओ, एनआईबी, भारतीय भेषज संहिता आयोग, एनआईपीईआर के प्रतिनिधियों के साथ केंद्रीय सचिव (स्वास्थ्य), सचिव (आयुष), सचिव (औषध), डीजीएचएस और एसीएस/प्रधान सचिव सहित राज्यों के अधिकारी ने हिस्सा लेंगे। इस कार्यक्रम को हैदराबाद स्थित शांति वनम में आयोजित किया जाएगा।

इस दो दिवसीय चिंतन शिविर का उद्देश्य देश में औषधियों की गुणवत्ता व प्रवर्तन से संबंधित नीतियों और कार्यक्रमों की प्रक्रियाओं व कार्यान्वयन की समीक्षा करना है। इसके अलावा यह बैठक भारतीय दवा मानकों के पहले से अनुमान, पारदर्शिता व अनुपालन की समीक्षा और केंद्र व राज्यों नियामक क्षमता की समीक्षा करके व्यापार करने में सुगमता के तरीकों और साधनों की भी सिफारिश करेगी। वहीं, प्रतिभागी वैश्विक सर्वश्रेष्ठ अभ्यासों, डिजिटल उपकरणों, नैदानिक परीक्षण मानकों जैसे नए हस्तक्षेपों की शुरुआत पर भी चर्चा करेंगे और इससे आम नागरिकों के लाभ के लिए बहु-हितधारक दृष्टिकोण निर्माण की दिशा में प्रोत्साहन देंगे।

इस चिंतन शिविर के तहत निम्नलिखित पहलुओं पर पांच सत्रों की योजना बनाई गई है:

  1. घरेलू और निर्यात बाजारों में औषधियों, सौंदर्य प्रसाधनों और चिकित्सा उपकरणों की गुणवत्ता पर विश्वास उत्प्न्न करना
  2. जमीनी स्तर पर प्रभावी क्रियान्वयन
  3. भारतीय फार्माकोपिया (भेषज संहिता) और इसके मानकों का अनुपालन
  4. सभी नियामक गतिविधियों के लिए एक एकीकृत आईटी हस्तक्षेप
  5. राज्य और राष्ट्रीय नियामकों की क्षमता का निर्माण

इस सम्मेलन में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, नीति आयोग, उद्योग मंचों, स्टार्टअप्स, शिक्षाविदों आदि के प्रख्यात वक्ताओं और विशेषज्ञों के साथ पैनल चर्चा आयोजित होगी। इसके साथ ही हितधारकों के साथ संवादात्मक सत्र भी होंगे। इन सत्रों का उद्देश्य नीतियों और कार्यक्रमों के समयबद्ध कार्यान्वयन के लिए एक सहभागी दृष्टिकोण विकसित करने की दृष्टि से हितधारकों के साथ विचार-विमर्श करना है।