भेड़ और बकरी पालने वाली चंदना पहुंची विधानसभा, बीजेपी की टिकट पर बांकुड़ा से जीती

भेड़ और बकरी पालने वाली चंदना पहुंची विधानसभा, बीजेपी की टिकट पर बांकुड़ा से जीती
चंदना बाउरी, बांकुड़ा से जीती

हम बंगाल में हुए एक प्रत्याशी की ऐसी जीत की बात कर रहे हैं जिसने सबको चौंका दिया है। वो है पश्चिम बंगाल के बांकुड़ा जिले की सालतोड़ा सीट। इस सीट से चंदना बाउरी पहली बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंची हैं। उन्होंने टीएमसी प्रत्याशी संतोष कुमार मंडल को 4 हजार से अधिक वोटों से मात दी है। इस सीट की चर्चा इसलिए भी हो रही है, क्योंकि पीएम नरेंद्र मोदी अपने चुनावी प्रचार में यहां की प्रत्याशी की चर्चा कई बार कर चुके हैं।जब बीजेपी ने उन्हें सालतोड़ा सीट से प्रत्याशी बनाया था तो उन्हें इस बात की जानकारी अपने पड़ोसियों से लगी थी। वे तब घर में ही मौजूद थीं।

चंदना बाउरी, बांकुड़ा से जीती

चंदना बाउरी ने नामांकन के समय चुनाव आयोग को जो शपथपत्र दिया था उसके अनुसार उनके बैंक खाते में सिर्फ 6,335 रुपए हैं, जबकि उनके पति के खाते में केवल 1561 रुपए जमा हैं। अपने चुनावी हलफनामे में चंदना ने बताया है कि उनके पास कुल ₹ 31,985 जबकि उनके पति के पास ₹ 30,311 की संपत्ति है। बीजेपी प्रत्याशी चंदना या उनके पति के पास किसी तरह की कृषि जमीन नहीं हैं और दिहाड़ी मजदूरी करके वे अपना परिवार चलाते हैं। घर में 3 गाय और 3 बकरियां भी हैं। चंदना के तीन बच्चे हैं।

चंदना की पढ़ाई लिखाई उसके पति से ज्यादा है। उनके पति सिर्फ 8वीं पास हैं जबकि चंदना 12वीं तक पढ़ी हैं। दोनों पति-पत्नी मनरेगा कार्ड होल्डर भी हैं। चंदना और उनके पति को पिछले साल ही प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर बनाने के लिए 60,000 रुपए की पहली किस्त मिली है, जिसकी सहायता से दोनों ने दो कमरों वाला पक्का मकान बनाया है।

चंदना बाउरी की चर्चा खुद नरेंद्र मोदी भी कई बार कर चुके हैं। पीएम ने बांकुड़ा में आयोजित चुनावी जनसभा में चंदना की तीन बार तारीफ की। साथ ही उनके पारिवारिक पृष्ठभूमि की भी चर्चा करते रहे।

चंदना के पति श्रवण पहले फारवर्ड ब्लॉक के सदस्य थे, लेकिन उनका कहना है कि 2011 में जब तृणमूल कांग्रेस की सरकार बनी तो टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने उनका उत्पीड़न किया जिसके बाद वे भारतीय जनता पार्टी के साथ जुड़ गए।