विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंकवाद के मुद्दे पर यूपीए सरकार पर साधा निशाना

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंकवाद के मुद्दे पर यूपीए सरकार पर साधा निशाना

उमाकांत त्रिपाठी। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि आतंकी नियमों से नहीं चलते। इसलिए उन्हें जवाब भी उसी तरह यानी बिना किसी नियम का पालन किए देना चाहिए। बॉर्डर पर होने वाली किसी भी आतंकी घटना का जवाब देने के लिए देश हमेशा तैयार है। जयशंकर ने 26/11 को मुंबई में हुए आतंकी हमले के लिए तत्कालीन UPA सरकार पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि आतंकी हमले के बाद सरकारी लेवल पर बहुत विचार-विमर्श किया गया, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। उस समय यह सोचा गया कि पाकिस्तान पर हमला किया गया तो बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी।

आज अलग होते हालात
दरअसल, 12 अप्रैल को विदेश मंत्री जयशंकर महाराष्ट्र के पुणे पहुंचे थे। वे यहां ‘Why Bharat Matters: Opportunity for youth and participation in global scenario’ पर आयोजित यूथ कार्यक्रम में शामिल हुए थे। जयशंकर ने यहां पूछा कि अगर आज ऐसा हमला होता है और उस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी जाती तो इन हमलों को कैसे रोका जा सकता है। जयशंकर से उन देशों के बारे में पूछा गया, जिनके साथ भारत को संबंध बनाए रखना चुनौतीपूर्ण लगता है। इस पर जयशंकर ने कहा कि भारत को सवाल करना चाहिए कि क्या उसे कुछ देशों के साथ कोई रिश्ते बनाए रखना चाहिए?

पाक के साथ रिश्ते रखना मुश्किल
उन्होंने कहा कि एक तो हमारे बगल में ही है। पाकिस्तान के साथ संबंध रखना बहुत कठिन है। अगर भारत शुरू से ही स्पष्ट होता कि पाकिस्तान आतंकवाद में लिप्त है तो भारत को किसी भी परिस्थिति में उसे बर्दाश्त नहीं करना चाहिए था। ऐसा करते तो आज देश की नीति बहुत अलग होती। जयशंकर के मुताबिक, साल 2014 में मोदी आए, लेकिन आतंकवाद की समस्या 2014 में शुरू नहीं हुई। इसकी शुरुआत मुंबई हमले से नहीं हुई। 1947 में घुसपैठिए कश्मीर आए। उन लोगों ने कश्मीर पर हमला, लोगों की हत्या की, गांवों-कस्बों को जलाया। ये लोग पाकिस्तान के पश्चिमोत्तर सीमांत प्रांत (नॉर्थ वेस्ट फ्रंटियर) के आदिवासी थे। हमने सेना भेजी और कश्मीर एक हुआ।