शादी की शहनाई बदली मातम में, 2 हफ्तों में उजड़ गया दुल्हन का सुहाग

शादी की शहनाई बदली मातम में, 2 हफ्तों में उजड़ गया दुल्हन का सुहाग
प्रतीकात्मक तस्वीर

कोरोना की दूसरी लहर पूरे देश में अपने चरम पर है। हर एक राज्य सरकार ने एहतियान अपने-अपने राज्य में तरह-तरह की पाबंदिया लगा रखी है। इन सबके बीच शादी की सीजन भी जोर-शोर से चल रहा है। शादी समारोह में तरह-तरह की बंदिशें लागू है। लेकिन फिर भी शादियां धड़ल्ले से हो रही है।

इसी बीच एक ऐसा मामला आया है जिसमें शादी करना दूल्हे के लिए जानलेवा साबित हुआ और मेहंदी छूटने से पहले ही दुल्हन का सुहाग उजड़ गया। मृतक दूल्हा नवविवाहित शिक्षक था, जिसकी कोरोना से मौत हो गई। कोविड 19 महामारी की चपेट में देश के साथ ही प्रदेश भी है और संक्रमण को कम करने के लिए लॉकडाउन लगाया गया है।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी लोगों से शादी के सामूहिक आयोजनों को टालने की अपील की है, लेकिन अपील और नियमों की परवाह किए बगैर ऐसे आयोजनों का सिलसिला लगातार जारी है।

जानकारी के मुताबिक ताज़ा मामला कटेया के रुद्रपुर गांव का है। रुद्रपुर निवासी और ज्ञानेश्वरी हाई स्कूल गौरा बाजार में अतिथि शिक्षक दुर्गेश पांडेय की शादी बीते 28 अप्रैल को पश्चिम चंपारण ज़िले के बगहा बनकटवा गांव की प्रियंका मिश्रा के साथ हुई। शादी के अगले दिन 29 अप्रैल को बारात लौटी, जिसके बाद से ही दुर्गेश को बुखार आने लगा।

दुर्गेश का इलाज स्थानीय स्तर पर करवाया गया लेकिन उसकी गंभीर हालत को देखते हुए 5 मई को उसे गोरखपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान 15 मई को उसकी मौत हो गई। उसकी मौत की खबर सुनते ही परिजनों के साथ ही पूरे गांव में सन्नाटा पसर गया। स्थानीय मुखिया और परिजन आनन-फानन में गोरखपुर पहुंचे, लेकिन कोरोना प्रोटोकाल के तहत ही शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया।


बताया जा रहा है कि नवविवाहिता प्रियंका की हालत भी खराब हो रही है। वहीं, पूरा परिवार अब विचलित है। साथ ही इलाके के जानकारों ने सलाह दी है कि बारात में शामिल सभी लोगों को कोरोना टेस्ट करवाना चाहिए और लक्षण दिखाई देने पर आइसोलेट होना चाहिए।