बिग बाजार खरीदने के लिए अंबानी और अडानी आमने-सामने

बिग बाजार खरीदने के लिए अंबानी और अडानी आमने-सामने

देश के दो दिग्गज कारोबारी एक कंपनी के अधिग्रहण को लेकर आमने-सामने आ गए हैं। जिसकी चर्चा सालों से चल रही थी लेकिन अभी तक उसकी प्रक्रिया पुरी नहीं हो पाई है।

दरअसल बिग बाजार को खरीदने को लेकर दिग्गज कारोबारी मुकेश अंबानी कई दिनों से उत्सुक हैं। लेकिन कई कारणों से ये डील पूरी नहीं हो पा रही है।

बिग बाजार का स्वामित्व रखने वाली कंपनी फ्यूचर रिटेल लिमिटेड पर भारी कर्ज है। जिसके बाद यह कंपनी चल नहीं पा रही है और दिनों दिन भारी बोझ तले दबती जा रही है।

इसलिए मुकेश अंबानी ने अपने रिटेल बिजनेस को बढ़ाने के लिए इस कंपनी के अधिग्रहण के प्रयास में लगे हुए हैं।

रायटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल मून रिटेल प्राइवेट लिमिटेड, अडानी एयरपोर्ट होल्डिंग्स और फ्लेमिंगो ग्रुप, रिलायंस रिटेल वेंचर्स के साथ-साथ 13 दूसरे फर्मों के बीच एक ज्वाइंट वेंचर ने फ्यूचर रिटेल के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EOI) दाखिल किए हैं.

फ्यूचर ग्रुप की फ्लैगशिप रिटेल यूनिट फ्यूचर रिटेल के लिए EOI जमा करने की समय सीमा इस महीने की शुरुआत में समाप्त हो गई. फ्यूचर ग्रुप कभी देश का दूसरा सबसे बड़ा रिटेलर फर्म था. बिग बाजार (Big Bazar) वाली कंपनी फ्यूचर रिटेल (Future Retail) पर अलग अलग क्रेडिटर्स के 21,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की देनदारी है. कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया के तहत कंपनी को 33 वित्तीय लेनदारों (Financial Creditors) से दावे मिले हुए हैं. 

कब आएगी फाइनल लिस्ट

फ्यूचर रिटेल के लिए EOI जमा करने के लिए 20 अक्टूबर की समय सीमा निर्धारित की गई थी, जिसे बाद में आगे बढ़ा दिया गया. EOI जमा करने वाली कंपनियों की फाइनल लिस्ट 20 नवंबर को जारी की जाएगी. इसके बाद उन्हें 15 दिसंबर तक एक समाधान योजना पेश करने के लिए कहा जाएगा.

बड़ी डील कर सकती है रिलायंस

रिलायंस इंडस्ट्रीज रिटेल मार्केट में एक और बड़ी डील कर सकती है.  रिलायंस ने जर्मनी की रिटेल कंपनी मेट्रो कैश एंड कैरी (METRO Cash & Carry) के भारत में फैले कारोबार के अधिग्रहण का प्लान बनाया है.  इस बिग डील से देश के सबसे बड़े रिटेलर रिलायंस रिटेल को B2B सेगमेंट में अपनी मौजूदगी बढ़ाने में मदद मिलेगी.