
उमाकांत त्रिपाठी।लोकसभा चुनाव के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) चुनाव नतीजों की समीक्षा में जुटी है. रविवार को यूपी के चुनाव नतीजों की समीक्षा की बारी थी. यूपी बीजेपी प्रदेश कार्यसमिति की राजधानी लखनऊ में बैठक हुई जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लेकर प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा तक, बीजेपी के बड़े-बड़े नेता मंथन के मंच पर आए और अपनी बात रखी. इस दौरान लोकसभा चुनाव में पार्टी के यूपी में खराब प्रदर्शन की वजहों पर बात हुई तो भविष्य के लिए रोडमैप भी बना. लेकिन कुछ ऐसा भी हुआ जिसके बाद ये सवाल भी उठने लगे कि क्या संगठन और सरकार के बीच सबकुछ ठीक है?
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य बोले
यूपी बीजेपी कार्यसमिति में पहली बार संगठन और सरकार के बीच तालमेल को लेकर नेता मुखर नजर आए. डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि संगठन, सरकार से ऊपर होता है. कोई व्यक्ति या सरकार संगठन से बड़ा नहीं हो सकते. उन्होंने कहा कि बड़े पेड़ की टहनी से जब कुल्हाड़ी बनती है तभी वो पेड़ काटा जा सकता है. उन्होंने कार्यकर्ताओं की समस्याओं का जिक्र किया और कहा कि जो दर्द आपका (कार्यकर्ता का) है, वही दर्द हमारा भी है. केशव मौर्य ने कार्यकर्ताओं के मन की बात कह तालियां तो खूब बटोरीं लेकिन उनका संबोधन कई सवाल भी छोड़ गया.
केशव प्रसाद मौर्य के बयान से उठे सवाल
यूपी की 10 सीटों पर उपचुनाव होने हैं और बीजेपी इन उपचुनावों में सभी 10 सीटें जीतने के टार्गेट की बात कर रही है. ऐसे में केशव प्रसाद मौर्य के बयान से सवाल ये भी उठ रहे हैं कि उनका इशारा किस तरफ है? क्या यूपी बीजेपी में सबकुछ ठीक है? लोकसभा चुनाव में बीजेपी और उसके सहयोगी दल विपक्षी समाजवादी पार्टी के बराबर सीटें भी नहीं जीत सके. ऐसे में क्या लोकसभा चुनाव में दुर्गति के बाद बीजेपी में नौबत संगठन बनाम सरकार की आ गई है?
लोकसभा चुनाव में बीजेपी 2019 की 62 के मुकाबले 33 सीटें ही जीत सकी थी. सहयोगी आरएलडी ने दो और अपना दल को एक सीट पर जीत मिली. एनडीए यूपी में 36 सीटें ही जीत सका जबकि सपा ने अकेले 37 सीटों पर जीत का परचम लहरा दिया था. यूपी में इन नतीजों के बाद सीएम योगी आलोचनाओं और हमलों के केंद्र में रहे हैं. यूपी बीजेपी का एक धड़ा सीएम योगी को टार्गेट करने की कोशिश कर रहा था.