उमाकांत त्रिपाठी।इस बार दिवाली के त्योहार पर यूपी सरकार में अंदरूनी मनमुटाव की खबरें छाई रहीं. अयोध्या में दीपोत्सव का आयोजन हुआ तो सीएम योगी आदित्यनाथ अकेले दिखे. उनके दोनों डिप्टी केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक लखनऊ में ही जमे रहे. इससे पहले अखबारों में छपे विज्ञापन में भी उनके नाम गायब थे. पता चला कि- राज्यपाल को आना था लेकिन दौरा कैंसल हो गया. तमाम कयासों और अटकलों के बीच सीएम योगी ने पिछले 24 घंटों के भीतर दिल्ली में ताबड़तोड़ कई मुलाकातें की हैं. वह पीएम मोदी, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के अलावा भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री शाह से भी मिले. पीएम मोदी और भाजपा अध्यक्ष नड्डा के साथ उनकी मुलाकात करीब एक घंटे तक चली.
शाह और नड्डा के साथ मुस्कुराते हुए उनकी तस्वीरें आईं. यूपी की राजनीति के लिहाज से इन मुलाकातों को अहम माना जा रहा है. समझा जा रहा है कि बिहार चुनाव के बाद यानी नवंबर के आखिर में यूपी में संगठन और सरकार के भीतर कुछ बड़े फेरबदल की तैयारी है. यही वजह है कि जब शनिवार को योगी दो दिन के लिए दिल्ली आए तो रविवार को एक अस्पताल के कार्यक्रम में शामिल होने के बाद भाजपा के टॉप नेताओं से मिलने पहुंच गए.
‘अबकी बार, डिप्टी सीएम बाहर’
पिछले दिनों योगी सरकार में अंदरूनी खींचतान की बात तब जोर पकड़ने लगी जब अखिलेश यादव ने एक तस्वीर शेयर करते हुए तंज कसा. अयोध्या में दीपोत्सव पर यह विज्ञापन दिया गया था. अखिलेश ने लिखा,कि- ‘जनता पूछ रही है कि यूपी भाजपा सरकार में ‘उप मुख्यमंत्री’ के दोनों पद समाप्त कर दिए गए हैं क्या… विज्ञापन में कनिष्ठ मंत्रियों के नाम तो दिख रहे हैं लेकिन डिप्टी सीएम साहब लोगों के नहीं… कहीं यहां भी ‘हाता नहीं भाता’ या ‘प्रभुत्ववादी सोच’ तो हावी नहीं हो गई. अबकी बार, डिप्टी सीएम बाहर!’
गृह मंत्री शाह से मिलकर योगी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि- माननीय केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह जी से आज नई दिल्ली में शिष्टाचार भेंट की एवं उनका मार्गदर्शन प्राप्त किया. अपना अमूल्य समय प्रदान करने के लिए आपका हार्दिक आभार. इसी तरह उन्होंने एक पोस्ट में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री जगत प्रकाश नड्डा का आभार जताया.















