उमाकांत त्रिपाठी।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के शीतकालीन सत्र से पहले सोमवार को देश को संबोधित किया और विपक्षी पार्टियों को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि- लोगों के लिए फायदेमंद संसद सत्र चलाने पर ध्यान देना चाहिए।विपक्ष से मजाकिया लहजे में उन्होंने कहा कि बिहार चुनाव में हाल ही में मिली हार की वजह से वे “अशांत” लग रहे हैं। उन्होंने उनसे मतभेद भुलाकर संसद में अच्छी नीति और कानून पास कराने के लिए काम करने को कहा, ताकि मानसून सत्र की तरह शीतकालीन सत्र की बर्बादी न हो।
नारों पर नहीं नीति पर जोर होना चाहिए
प्रधानमंत्री ने कहा,कि- मैं सभी से निवेदन करूंगा कि जो मुद्दे हैं, उन पर विचार करें। ड्रामा करने की बहुत सी जगह है, जिसे ड्रामा करना है वह कर सकता है। यहां ड्रामा नहीं डिलीवरी होनी चाहिए। जो नारे लगाना चाहता है, पूरा देश उनके साथ है, बिहार चुनाव की हार के समय भी आप कह चुके हैं। लेकिन यहां नारों पर नहीं नीति पर जोर होना चाहिए।उन्होंने कहा,कि- यह हो सकता है कि राजनीति में नकारात्मकता काम करे, लेकिन आखिर में देश बनाने के लिए सकारात्मक सोच की जरूरत होती है। नकारात्मकता को किनारे रखना चाहिए और देश बनाने पर फोकस करना चाहिए।
बिहार में विपक्ष की हार को लेकर कसा तंज
विपक्ष से जरूरी और मजबूत मुद्दे उठाने की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें लगता है कि पार्टियां बिहार में अपनी हालिया हार से उबर सकती थीं, लेकिन साफ है कि वे अभी भी शांत नहीं हैं।उन्होंने कहा,कि- विपक्ष को भी संसद में मजबूत और जरूरी मुद्दे उठाने चाहिए। उन्हें (चुनाव में हार से) परेशान होकर बाहर आना चाहिए और हिस्सा लेना चाहिए। मुझे लगा था कि बिहार चुनाव को काफी समय हो गया है, इसलिए वे खुद को संभाल लेंगे, लेकिन कल ऐसा लगा कि हार का उन पर साफ असर हुआ है।
उन्होंने सभी पार्टियों से यह भी कहा कि- शीतकालीन सत्र हार से पैदा हुई फ्रस्ट्रेशन का मैदान नहीं बनना चाहिए और न ही यह जीत से पैदा हुए घमंड का मैदान बनना चाहिए।पीएम मोदी ने कहा,कि- इस सत्र में ऐसे मुद्दों पर फोकस होना चाहिए जैसे संसद देश के लिए क्या सोच रही है, पार्लियामेंट देश के लिए क्या करना चाहती है और पार्लियामेंट देश के लिए क्या करने जा रही है? विपक्ष को भी अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए और चर्चा में मजबूत मुद्दे उठाने चाहिए।















