उमाकांत त्रिपाठी।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शनिवार की सुबह छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस के अवसर पर रायपुर पहुंचे। एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और दोनों उपमुख्यमंत्री ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के रजत जयंती वर्ष पर आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में प्रधानमंत्री मोदी शामिल होंगे।
राज्य नक्सलवाद और पिछड़ेपन से पहचाना जाता था-पीएम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पिछले 25 वर्षों में छत्तीसगढ़ ने जो परिवर्तन देखा है वो अद्भुत और प्रेरणादायी है। कभी यह राज्य नक्सलवाद और पिछड़ेपन से पहचाना जाता था। आज वही राज्य समृद्धि, सुरक्षा और स्थायित्व का प्रतीक बन रहा है और इस परिवर्तन के पीछे है छत्तीसगढ़ की जनता का परिश्रम और भाजपा की सरकारों का दूरदर्शी नेतृत्व।
भारत आतंकियों की कमर तोड़ रहा है- पीएम
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा राम से राष्ट्र का एक अर्थ यह भी है कि मानवता विरोधी ताकतों का, आतंक के विनाश की प्रतिज्ञा और यही तो हमने ऑपरेशन सिंदूर में देखा। भारत आतंक के विनाश की प्रतिज्ञा करके आतंकियों की कमर तोड़ रहा है। भारत आज नक्सलवाद और माओवादी आतंक को भी समाप्त करने की तरफ बढ़ रहा है। भारत आज अभूतपूर्व विजय के गर्व से भरा हुआ है और गर्व की यही भावना आज छत्तीसगढ़ विधानसभा के इस नए परिसर में हमें चारो ओर दिख रही है।
छत्तीसगढ़ भगवान श्रीराम का ननिहाल है- पीएम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह हमारा छत्तीसगढ़ तो भगवान श्री राम का ननिहाल है। भगवान श्री राम इस धरती के भांजे हैं। आज इस नए परिसर में श्री राम के आदर्शों को याद करने का इससे बेहतर दिन और क्या होगा? भगवान राम के आदर्श हमें सुशासन की सीख देते हैं। अयोध्या में राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा के समय हम सभी ने ‘देव से देश’ और ‘राम से राष्ट्र’ का संकल्प लिया था, राम से राष्ट्र का अर्थ है सुशासन और जनकल्याण का राज, इसका अर्थ है ‘सबका साथ-सबका विकास’ की भावना से शासन। जहां कोई ना गरीब हो ना कोई दुखी हो, जहां भारत गरीबी से मुक्त होकर आगे बढ़ेगा। राम से राष्ट्र का अर्थ है, बीमारियों से असमय मृत्यु ना हो यानी स्वस्थ और सुखी भारत का निर्माण हो।
विधानसभा का इतिहास अपने आप में प्रेरणास्रोत है- पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि- छत्तीसगढ़ विधानसभा का इतिहास अपने आप में प्रेरणास्रोत है। 2000 में जब इस सुंदर राज्य की स्थापना हुआ तो पहली विधानसभा की बैठक राजकुमार कॉलेज रायपुर के जशपुर हॉल में हुई। वो समय सीमित संसाधनों का तो था लेकिन असीम सपनों का था। तब केवल एक भावना थी कि हम अपने भाग्य को और तेजी से उज्जवल बनाएंगे।















