भोजशाला में ASI सर्वे का छठवां दिन: दोनों पक्षों के लोग रहे मौजूद, जानिए छठवें दिन क्या मिला

भोजशाला में ASI सर्वे का छठवां दिन: दोनों पक्षों के लोग रहे मौजूद, जानिए छठवें दिन क्या मिला

उमाकांत त्रिपाठी।हाईकोर्ट के आदेश पर धार की भोजशाला में हो रहे ASI के वैज्ञानिक सर्वे का छठे दिन बुधवार को 9 घंटे काम हुआ। यहां सर्वे टीम के साथ दोनों पक्ष के लोग पहुंचे। मजदूरों का मेटल डिटेक्टर से जांच के बाद भोजशाला में प्रवेश दिया। हिंदू पक्षकार गोपाल शर्मा ने बताया कि ASI की 17 सदस्यों की टीम तीन ग्रुप में अलग-अलग भागों में सर्वे किया। भोजशाला की नींव की खुदाई चल रही है। खुदाई में कई सबूत मिले हैं जिनको संग्रहित किया गया है।इससे पहले मंगलवार को भी टीम ने साढ़े 9 घंटे से ज्यादा समय तक सर्वे का काम किया। टीम सुबह 7 बजे भोजशाला पहुंची थी और शाम 4 बजकर 50 मिनट पर बाहर आई। टीम ने मंगलवार को भोजशाला में खुदाई करवाई। साथ ही पत्थरों, शिलालेखों और स्तंभों की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी समेत कार्बन डेटिंग की गई।

 

आशीष गोयल ने की मीडिया से चर्चा
हिंदू समाज के याचिकाकर्ता आशीष गोयल ने भोजशाला में जाते वक्त मीडिया से चर्चा की। उन्होंने बताया कि ASI की टीम वैज्ञानिक तकनीक के आधार पर काम कर रही है। हम सर्वे से संतुष्ट हैं। सर्वे टीम ने उनके स्टैंडर्ड बना रखे हैं। कोर्ट ने आदेश में एक-एक चीज स्पष्ट की है। टीम ने सर्वे के लिए 50 मीटर के एरिया को निर्धारित किया है।

भोजशाला में हुई मां वाग्देवी की पूजा और हनुमान चालीसा
भोजशाला में हर मंगलवार को हिंदू समाज के लोग पूजा-अर्चना और हनुमान चालीसा पाठ करते हैं। भोज उत्सव समिति के पदाधिकारियों के साथ लोगों ने आज भोजशाला में प्रवेश किया। इसके बाद गर्भगृह में मां वाग्देवी का चित्र रखकर चावल व पुष्प अर्पित करते हुए पूजन किया। लोगों ने सुबह हनुमान चालीसा का पाठ किया। इसके बाद सरस्वती स्त्रोत करते हुए आरती की व हवन कुंड में आहूति भी दी।

 4 गुना ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे भोजशाला में
आम मंगलवार की अपेक्षा आज औसत से 4 गुना अधिक लोग पूजा और हनुमान चालीसा पाठ के लिए पहुंचे। पूजा के साथ ही भोजशाला में सर्वे का काम भी जारी रहा। भोजशाला के पिछले हिस्से में एएसआई की टीम अपना काम करती रही। वहीं, अंदर की ओर पूजा भी हुई। दर्शन करने के लिए आए लोगों के मोबाइल फोन बाहर ही रखवा दिए गए। सर्वेक्षण से जुड़े फोटो और वीडियो बनाने पर प्रतिबंध है।