उत्तरप्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने लागू किया नया कानून, अब बिना वारंट हो जाएगी गिरफ्तारी

उत्तरप्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने लागू किया नया कानून, अब बिना वारंट हो जाएगी गिरफ्तारी

उमाकांत त्रिपाठी। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश में 6 महीने के लिए हड़ताल पर पाबंदी लगा दी है. यूपी में हड़ताल पर 6 महीने की रोक लगाने के लिए योगी सरकार ने एसेंशियल सर्विसेस मेंटेनेंस एक्ट (ESMA) का इस्तेमाल किया है. ये नियम राज्य सरकार के सभी विभागों, निगम और कॉर्पोरेशन पर लागू होगा. हड़ताल पर रोक लगाने वाला नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है. पिछले साल भी यूपी सरकार ने ESMA एक्ट लागू कर हड़ताल पर रोक लगा दी थी. तब बिजली विभाग के कुछ कर्मचारी हड़ताल पर चले गए थे.

ESMA क्या है, जानिए इसके बारे में…
ESMA 1968 में संसद में पास हुआ था. इसका इस्तेमाल कर कोई भी राज्य सरकार अपने यहां हड़ताल करने पर पाबंदी लगा सकती है. इसे एक बार में 6 महीने तक के लिए लागू किया जा सकता है. इस कानून को लाने का मकसद था देश में बिजली सप्लाई, ट्रांसपोर्ट और मेडिकल सर्विसेस समेत जरूरी सेवाओं के मेंटेनेंस को सुनिश्चित करना था. ये कानून राज्य सरकारों को जरूरी सेवाओं को बाधित करने वालों के खिलाफ गिरफ्तारी और मुकदमा चलाने सहित सख्त कार्रवाई करने का अधिकार देता है.

नए कानून के बारे में जानिए…
सार्वजनिक संरक्षण, पानी की सप्लाई, साफ-सफाई, अस्पताल और देश की रक्षा से जुड़ी सेवाएं आती हैं. इसके साथ ही पेट्रोल, कोयला, बिजली, फर्टिलाइजर, ट्रांसपोर्ट सर्विसेस, अनाज का बंटवारा को भी जरूरी सेवाओं में शामिल किया गया है. जब कोई भी राज्य सरकार ESMA के प्रावधानों को लागू कर देती है तो सराकरी कर्मचारियों और अफसरों पर कई तरह की पाबंदी भी लग जाती है. इस दौरान राज्य सरकार के कर्मचारी जरूरत पड़ने पर ओवरटाइम करने से मना भी नहीं कर सकते. कानून लागू होने के दौरान अगर कोई भी सरकारी कर्मचारी अगर नियमों का उल्लंघन करता है तो दोषी पाए जाने पर 1 साल की जेल और 1 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है. इतना ही नहीं, नियमों का उल्लंघन करने पर पुलिस किसी को भी बिना वारंट गिरफ्तार कर सकती है.